रिपोर्ट: मनोज कुमार शर्मा
जिला:मैनपुरी
स्थान: कुरावली
० कुरावली के गली मोहल्लों में पैर पसार रहा सट्टा कारोवार ०
{ एक रुपया लगाकर अस्सी पाने के चक्कर में बर्बाद हो रहे युवा }
मैनपुरी/कुरावली/। कस्वा में सट्टे का कारोवार अपनी जड़े मजबूत करता जा रहा है। सट्टे का कारोवार वर्तमान समय में लगभग हर गली मोहल्लों में किया जा रहा है। पुलिस प्रशासन भी सट्टे के काले कारोवार की तरफ कोई ध्यान नही दे रहा है। इसीलिए इसकी जड़े मजबूत हो रहीं है। कुरावली नगर की लगभग सभी गलयों में शाम होते ही सट्टे की खाईबाड़ी करने वाले एजेंट युवक बेखौफ होकर घूमते हुए देखने को मिल जाते है। नगर में होने वाले सट्टे के काले कारोवार से यहां की युवा पीढ़ी बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है। सट्टे की खाईबाड़ी करने वाले एजेंट नगर की युवा फौज को एक रुपया लगाकर अस्सी रुपया प्राप्त करने का झांसा देते है। पुलिस प्रशासन के ढुलमुल रवैया के चलते सट्टे के काले कारोवार पर रोक नहीं लग पा रहीं है। या यू कहें कि पुलिस का नगर में होने वाले सट्टे की तरफ कोई ध्यान ही नहीं है। शायद इसीलिए कुरावली में होने वाले सट्टे के काले कारोवार पर रोक नहीं लग पा रहीं है।
कुरावली में इन जगहों पर हो रहा सट्टा
नगर में सट्टे का काला कारोवार मोहल्ला घरनाजपुर, कानूनगोयान, वक्कालान, नवीन लहसुन मंडी, घिरोर तिराहे के सामने, मोहल्ला फर्दखाना, भीमनगर, सुजरई, गल्लामंडी, तकिया वाली गली, गांव गंगापुर में जीटी रोड किनारे संतनगर, मोहल्ला नगला चैनी, कुंवरपुर, मोहल्ला सराय, सिरसा रोड, बैदनटोला सहित आदि मोहल्लों में बड़े पैमाने पर सट्टे का कारोवार हो रहा है।
ऑनलाइन सट्टे का बढ़ रहा चलन
पिछले समय में डायरी पैन लेकर युवक सट्टे के नंबर लिखा करते थें, लेकिन टेक्नोलॉजी के युग में अब सट्टे का कारोवार वाट्सऐप के जरिए होने लगा है। ऑनलाइन सट्टा लगाने वाले घर बैठकर ही नंबर वाट्सऐप पर भेज देते है। जितने रुपए के नंबर लगाए गए है। उन रुपयों को यूपीआई ऐप के जरिए ट्रांसफर कर देते है। ऑनलाइन सट्टे के काले कारोवार ने पुलिस को भी सोचने पर मजवूर कर दिया है।
पुलिस के पहुंचने से पहले पहुंचती है सूचना,
नगर की गलियों में सट्टे की खाईबाड़ी करने वाले एजेंटो का नेटवर्क काफी फैला हुआ है। अगर पुलिस सट्टे पर कार्रवाई करने की योजना बनाती है तो एजेंट के पास पूरी सूचना पहुंच जाती है। अगर पुलिस एजेंटो पर कार्रवाई करने के लिए भी थाने से निकलती है तो भी पहले ही सूचना पहुंच जाती हैं, इसीलिए सट्टे की खाईबाड़ी करने वाले गायब हो जाते है।