MP High Court: डिजिटल अरेस्ट के नाम पर पीड़ितों से ठगी गंभीर अपराध,
Reporter Sandeep Pandey Rewa,
कोर्ट ने आरोपी को जमानत देने से किया इनकार
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने डिजिटल अरेस्ट के आरोपी को जमानत देने से इनकार करते हुए याचिका ख़ारिज कर दी है। जस्टिस प्रमोद कुमार अग्रवाल की एकलपीठ ने पाया कि ठगी के रुपये दुबई भेजे जाते थे। एकलपीठ ने अपराध को गंभीर प्रवृत्ति का मानते हुए जमानत देने से इंकार कर दिया।केरल निवासी अब्दुल रहमान की तरफ से दायर की गई जमानत याचिका में कहा गया था कि भोपाल क्राइम ब्रांच ने डिजिटल अरेस्ट कर एक व्यक्ति से लगभग 69 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में उसे 22 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया था। तभी से वह न्यायिक अभिरक्षा में है। प्रकरण में सह आरोपी बनाए गए दो आरोपियों को जमानत का लाभ मिल गया है। इसके अलावा क्राइम ब्रांच ने न्यायालय में आरोप पत्र भी प्रस्तुत कर दिया है।जमानत आवेदन का विरोध करते हुए शासकीय अधिवक्ता सीएम तिवारी ने बताया कि आरोपी अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का सदस्य है। वर्तमान मामले में शिकायतकर्ता को फोन कर उसकी आधार आईडी से 200 मिलीग्राम एमडीएमए ड्रग्स भेजने के नाम कर धमकाया गया और डिजिटल अरेस्ट कर उससे लगभग 69 लाख रुपये लिए गए। इसके अलावा दुबई निवासी सह अभियुक्त मोहम्मद शफी ने आवेदन के कहने पर अब्दुल नाम व्यक्ति के खाते में 14 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए थे।