न्यूज रिपोर्टर :- प्रदीप खरे
स्थान – पिछोर -शिवपुरी
पिछोर तहसील स्थित ग्राम खोड के लगभग 700 साल पुराने धाय महादेव मंदिर में अखंड ज्योत जलाने मिलता है एक रुपए किलो में घी
शिवरात्रि महोत्सव मे आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन मे आठ जोडो का विवाह संपन्न ।
– शिवपुरी जिले के पिछोर तहसील स्थित ग्राम खोड का धाय महादेव लगभग 700 साल पुराना है। मान्यता है कि यहां दर्शन, पूजा करने से मन्नत पूरी होती है। खास बात यह है कि मंदिर पर प्रज्जवलित अखंड ज्योत के लिए केवल एक रुपए किलो के भाव से घी आज भी उपलब्ध कराया जाता है। यह काम गहोई समाज के लोग बीते कई साल से करते आ रहे हैं। वे सभी इसमें बढ़-चढ़कर भागीदारी करते हैं। मंदिर से जुड़े लोगों के अनुसार यह अखंड ज्योत स्थापना के समय लगभग 700 साल से मंदिर में लगातार जल रही हैँ ..
शिवरात्रि महोत्सव मे आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन मे आठ जोडो का विवाह संपन्न हुआ जिसमे गायत्री परिवार सदस्यों एवम् जनप्रतिनिधि एवम् समाज के वरिषठ लोगो ने वर वधु को आशिर्वाद दिया । मन्दिर परिसर मे महादेव का विशेष श्रंगार और अभिषेक किया गया …
इसलिए नाम पड़ा धाय महादेव
मंदिर के महंत राजेंद्र शर्मा बताते हैं कि यहां धाय के पेड़ मौजूद थे। इसी में से एक पेड़ के नीचे शिवलिंग निकला था जिससे मंदिर का नाम धाय महादेव हुआ। पिछोर से करीब 25 किमी जबकि शिवपुरी से करीब 70 किमी दूर स्थित इस मंदिर पर सावन के महीने में भक्तों की भारी भीड़ रहती है।
नौ देवियों के मंदिर भी हैं यहां : धाय महादेव परिसर में ही नौ देवियों की प्रतिमाएं भी हैं। कुछ साल पहले खोड के जागीरदार रहे चौहान परिवार ने भी यहां नौ देवियों की स्थापना करवाई थी। नौ देवियां भी लोगों की आस्था का केंद्र हैं और नवदुर्गा में यहां पर विशेष पूजा अर्चना भी की जाती है। स्थानीय निवासी राघवेंद्रसिंह चौहान बताते हैं – जब खोड जागीर हुआ करती थी, उस दौरान उनके पूर्वजों ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। स्थापना के लिए करीब 500 बीघा भूमि भी दान में दी गई थी, जिससे आज भी मंदिर की व्यवस्थाएं संचालित होती हैं। महंत का कहना है कि करीब 700 साल से मंदिर में ज्योत निरंतर जल रही है। आस-पास के लोग आस्था के चलते एक रुपए किलो में घी उपलब्ध कराते हैं। यहां पर हर भक्त की मन्नत पूरी होती है।
ये बोले भक्त
धाय महादेव मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां अखंड ज्योत के लिए एक स्र्पए किलो में आज भी घी यहां लोगों द्वारा दिया जाता है। यहां 700 साल से भी अधिक समय से यह अखंड ज्योत जल रही है। यहां लोगों की मनोकामना की भी पूर्ति होती है। – नीकेश