झांसी, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में सोमवार दोपहर एसएसपी ऑफिस के बाहर एक दरोगा और सिपाही के बीच जमकर मारपीट हो गई. बताया जा रहा है की डॉक्यूमेंट को लेकर दोनों के बीच बहस के बाद मारपीट हो गई. दरोगा और सिपाही को आपस में लड़ता देख कार्यालय में मजमा लग गया, बीचबचाव के लिए वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी, तब जाकर झगड़ा समाप्त हुआ.
क्या है पूरा विवाद ?
पुलिसकर्मियों के मुताबिक़ विवाद की शुरुआत दरोगा और सिपाही के बीच किसी दस्तावेज़ को लेकर हुई बहस से हुई.बताया जा रहा है कि एसएसपी ऑफिस में तैनात सिपाही अनुज कुमार ऑफिस में बैठकर काम कर रहे थे. तभी एक दरोगा वहां पहुंचे और किसी डॉक्यूमेंट पर दोनों के बीच कहासुनी हो गई. देखते ही देखते बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों ने आपा खो दिया और एक-दूसरे के साथ मारपीट करने लगे.इसके बाद ये दोनों ऑफिस के बाहर आएं और एक दुसरे के साथ मारपीट करने लगे. इस दौरान कई पुलिस कर्मियों ने इन्हें अलग किया.

पुलिस का काम गुंडे-मवालियों को दबोचना है। आम जनता के झगड़ों को सुलझाना और लोगों को कानून के प्रति जवाबदेह बनाना है। पुलिस अपने यह काम न भी करे तो कम से कम गुंडे-मवालियों के तरह सरेआम लड़ना तो उन्हें बिल्कुल शोभा नहीं देता। लेकिन उत्तर प्रदेश के झांसी में दो पुलिसकर्मियों ने ऐसा ही किया। वह सरेआम गुंडे-मवालियों की तरह लड़ने लगे और दोनों तरफ से जमकर लात-घूसे चले।
अखाड़ा बना SSP ऑफिस
घटना झांसी में एसएसपी ऑफिस कैंपस की है। यहां एक दरोगा और सिहापी के बीच जमकर लात-घूसे चले। दोनों गुत्थम-गुत्था हो गए और जमकर गाली-गलौज करते हुए एक दूसरे पर कभी लात तो कभी घुसे से प्रहार करते रहे। वहां मौजूद अन्य पुलिसकर्मियों ने दोनों को छुड़ाने की बड़ी कोशिश की, लेकिन दोनों में से कोई भी लड़ाई खत्म करने के मूड में नजर नहीं आया।
दोनों के बीच बचाव के लिए वहां मौजूद कई पुलिसकर्मी पहुंचे, जिनमें एक महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद थी। इसके बावजूद दोनों लात-घूसे चलाते रहे और गाली-गलौज भी जारी रही। काफी देर तक हाथापाई के बाद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह दोनों को अलग कराया और बीच बचाव कर मामले को शांत किया।
सीओ का बयान
सीओ ट्रैफिक स्नेहा तिवारी ने जानकारी दी कि जिन दो पुलिसकर्मियों के बीच लड़ाई हुई उनमें से एक सब-इंस्पेक्टर संदीप यादव हैं और एक पुलिस कॉन्स्टेबल अनुज कुमार। सब-इंस्पेक्टर संदीप यादव की नियुक्ति फिलहाल जीआरपी महोबा में है। जबकि कॉन्स्टेबल अनुज कुमार रीडर कार्यालय झांसी में तैनात हैं।
दोनों पुलिस लाइन में पड़ोसी
उन्होंने बताया कि पुलिस लाइन में दोनों पड़ोसी हैं और एक-दूसरे को पहले से जानते हैं। सब-इंस्पेक्टर संदीप यादव की पत्नी झांसी में कॉन्स्टेबल पद पर तैनात हैं। शहरी क्षेत्र में उनकी नियुक्ति का समय पूरा होने के बाद उनकी नियुक्ति देहात क्षेत्र में की गई थी। लेकिन सब-इंस्पेक्टर संदीप यादव लगातार प्रयास कर रहे थे कि उनकी पत्नी की तैनाती फिर से शहरी क्षेत्र में हो जाए।
सीओ ट्रैफिक स्नेहा तिवारी ने जानकारी दी कि संदीप यादव यहां आए थे और इसी दौरान उनकी कॉन्स्टेबल अनुज कुमार से किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इस मारपीट के दौरान कॉन्स्टेबल पुलिस वर्दी में था और दरोगा सादे लिबास में।
दोनों के खिलाफ जनता में पुलिस के छवि धूमिल करने और अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जा रही है।
मामले की जांच जारी
इस घटना के बाद झांसी पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है. इस घटना को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पूरे मामले की जांच की बात कह रहे हैं. इस घटना को लेकर कार्रवाई की बात सामने नहीं आई है.
एसएसपी कार्यालय में दरोगा और सिपाही आपस में भिड़ गए। पैसे के लेनदेन और जांच को लेकर दोनों में जमकर मारपीट होने लगी। दरोगा संदीप यादव और सिपाही के बीच हुई मारपीट के बाद दरोगा ने आरोप लगाया कि सिपाही लगातार उसकी जांच खुलवा रहा था।
इस घटना पर पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर स्नेहा तिवारी ने बताया कि सब-इंस्पेक्टर संदीप यादव महोबा जीआरपी में तैनात हैं, जबकि कांस्टेबल अनुज कुमार झांसी एसएसपी कार्यालय में रीडर के पद पर तैनात हैं. दोनों पुलिस लाइन की कॉलोनी में पड़ोसी हैं. यह विवाद सब-इंस्पेक्टर संदीप यादव की पत्नी के ट्रांसफर को लेकर शुरू हुआ.
संदीप यादव की पत्नी महिला आरक्षी हैं और हाल ही में उनका ट्रांसफर झांसी के देहात क्षेत्र में किया गया है. संदीप यादव इस ट्रांसफर को रुकवाने का प्रयास कर रहे थे, जिसके चलते दोनों के बीच कहासुनी हुई और मामला हाथापाई तक पहुंच गया.