गंगेश कुमार पाण्डेय
(ब्यूरोचीफ)सत्यार्थ न्यूज़ सुलतानपुर,उत्तर प्रदेश
“गोमती किनारे बीहड़ में फल फूल रहा जैकेट उद्योग” “महिलाओं को मिला रोजगार” होगी आत्मनिर्भर“।
सत्यार्थ न्यूज़ सुलतानपुर:
लंभुआ (सुलतानपुर)। गोमती के किनारे बीहड़ में रोजगार की उम्मीद बेमानी सी दिखती है। पर सखौली खुर्द की मंजू पाल ने जैकेट उद्योग संचालित कर यह मिथक तोड़ दी है। वह अपने साथ और छह परिवारों की महिलाओं को कारोबार से जोड़कर उन्हें गांव में ही रोजगार दे रही हैं। जैकेट से लोगों को ठंड से बचाते हुए मंजू पाल आत्मनिर्भर बन रही है।
वर्ष 2016 में काजल महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़कर मंजू पाल ने रोजगार की तलाश शुरू की। पहले उन्होंने घर पर ही लोअर, टीशर्ट और शर्ट बनाने का काम शुरू किया। तीन साल बाद उन्होंने दो सिलाई मशीन लेकर ठंड के लिए जैकेट बनाने का काम शुरू कर दिया।
काम ने गति पकड़ी तो पंजाब में रेडीमेड कपड़ों के काम से जुड़े उनके पति दिनेश पाल भी नौकरी छोड़कर गांव आ गए। फिर दोनों ने जैकेट बनाने का काम शुरू कर दिया। काम चल निकला तो पति ने लंभुआ बाजार में अपनी दुकान खोल ली।
मंजू के मुुताबिक उनके यहां बने जैकेट चांदा व दियरा की दुकानों पर आसानी से बिक जाते हैं। लखनऊ तक के लोग हाफ व फुल जैकेट लेने आते हैं। ऑर्डर के बाद पसंदीदा जैकेट भी बनाए जाते हैं। गांव की युवतियां व महिलाएं भी यहां प्रशिक्षण लेकर जैकेट बनाने के काम में लगी हैं।
पिछले साल से मंजू ने ब्लेजर बनाने का काम भी शुरू कर दिया है। अत्याधुनिक पांच सिलाई मशीनों के अलावा कटिंग व अन्य मशीन भी खरीद करके उन्होंने इस उद्योग को मजबूती दी है। उन्होंने बताया कि गांव की महिलाएं जैकेट व ब्लेजर बनाकर खासी आय अर्जित कर रही हैं। उद्योग में उनके गांव की महिलाएं और युवतियां ही काम करती हैं।
“स्कूल ड्रेस, टी शर्ट व लोअर की रहती है मांग”
सर्दी शुरू होने के पहले ही मंजू पाल के गोदाम में जैकेट व ब्लेजर काफी मात्रा में तैयार हो जाते हैं। उसे मांग के मुताबिक चांदा, दियरा व लंभुआ की दुकानों पर भेज दिया जाता है। सामान्य दिनों में उनके यहां स्कूल ड्रेस, टी-शर्ट व लोअर बनाए जाते हैं। इसके लिए पंजाब से माल लाया जाता है। मंजू ने बताया कि हाफ जैकेट 650 से लेकर 1100 रुपये तक और फुल जैकेट 1000 से लेकर 2000 रुपये तक बनाए जाते हैं। कई विद्यालय उन्हें सीधे तौर पर स्कूल ड्रेस का आर्डर करते हैं। एनआरएलएम उपायुक्त केडी गोस्वामी ने बताया कि महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों के रोजगार से जोड़ा जा रहा है।