छ.ग. विशेष संवाददाता :- राजेन्द्र मंडावी सहायक शिक्षकों के भविष्य पर संकट – 2900 बी.एड. प्रशिक्षित शिक्षकों ने नौकरी सुरक्षा की उठाई मांग
कांकेर। छत्तीसगढ़ में 2900 नव-नियुक्त सहायक शिक्षकों (बी.एड. प्रशिक्षित) का भविष्य अनिश्चितता के अंधकार में फंसा हुआ है। ये शिक्षक पिछले 1 वर्ष 3 महीने से शासकीय स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका (SLP 23565/2024) के कारण अस्थायी घोषित कर दी गई है। इस स्थिति ने न केवल शिक्षकों के रोजगार बल्कि उनके सामाजिक और आर्थिक जीवन को भी संकट में डाल दिया है। शिक्षकों ने इस विषय पर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी नौकरी की सुरक्षा के लिए चार प्रमुख सुझाव दिए हैं।
विशेष अध्यादेश द्वारा स्थायित्व सरकार से अनुरोध किया गया है कि अध्यादेश जारी कर उनकी नौकरी को सुरक्षित किया जाए और भविष्य की अनिश्चितता समाप्त की जाए। डी.एड. और डी.एल.एड. अभ्यर्थियों के लिए विकल्प: उनकी मांग है कि इन अभ्यर्थियों को अतिरिक्त अवसर प्रदान कर, उनके और बी.एड. शिक्षकों के बीच विवाद का समाधान निकाला जाए।नवीन ग्रेडिंग और विभागीय उपयोग सहायक ग्रेड-1, 2, और 3 के अनुरूप शिक्षकों की ग्रेडिंग कर उनकी सेवाओं का अन्य विभागीय कार्यों में उपयोग किया जाए स्थानीय जनप्रतिनिधियों का हस्तक्षेप सांसद और विधायकों से आग्रह किया गया है कि वे शिक्षकों के मुद्दे को प्राथमिकता देकर सरकार से समाधान कराने में मदद करें। न्यायालय का आदेश और आगामी परिस्थितियां दिनांक 28 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों के आधार पर सरकार ने शिक्षकों की नियुक्ति को अस्थायी रूप से रोका हुआ है। साथ ही, आगामी 10 दिसंबर 2024 को डी.एड. प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की नई सूची जारी होने की संभावना है, जिससे बी.एड. शिक्षकों के लिए स्थिति और गंभीर हो सकती है।
शिक्षकों की अपील ज्ञापन में शिक्षकों ने स्पष्ट किया है कि उनके रोजगार पर संकट से न केवल उनकी आजीविका, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि उनकी सेवाओं को स्थायित्व देकर उन्हें शांति और सुरक्षा प्रदान की जाए। समाज और शिक्षा पर प्रभाव यह मुद्दा केवल शिक्षकों की नौकरी तक सीमित नहीं है। यह शिक्षा प्रणाली की स्थिरता और सरकार के प्रति लोगों के विश्वास का सवाल भी है। शिक्षकों ने यह स्पष्ट किया है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो यह राज्य की शिक्षा प्रणाली और समाज के आर्थिक ढांचे को प्रभावित करेगा। सरकार के लिए यह जरूरी है कि वह इस विषय को प्राथमिकता दे और शिक्षकों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए उनका समाधान निकाले। 2900 सहायक शिक्षकों के भविष्य को स्थायित्व देना न केवल उनके लिए, बल्कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था और न्याय के संतुलन के लिए भी आवश्यक हैं।