महाराष्ट्र में भाजपा की ओर से नए मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह की घोषणा कर दी गई है, लेकिन अभी तक इस बात पर कोई फैसला नहीं हुआ है कि मुख्यमंत्री पद पर कौन काबिज होगा। यह समारोह 5 दिसंबर को शाम 5 बजे मुंबई के ऐतिहासिक आजाद मैदान में होगा।
भाजपा महाराष्ट्र प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने घोषणा करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे
चुनाव परिणाम घोषित होने के छह दिन बाद भी भाजपा ने न तो अपने निर्वाचित विधायकों की बैठक बुलाई है और न ही पार्टी विधायक दल का नेता नियुक्त किया है।
कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सतारा जिले में अपने पैतृक गांव में हैं। एक सहयोगी ने बताया कि वे बीमार हो गए हैं, इस बीच चर्चा है कि वे नई सरकार के गठन से खुश नहीं हैं।
288 सदस्यीय सदन में 132 सीटों के साथ, 23 नवंबर को घोषित परिणामों के अनुसार, भाजपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। महायुति गठबंधन के अन्य सदस्य – एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) – ने क्रमशः 57 और 41 सीटें जीतीं। महायुति की सीटों की संख्या 230 है। बहुमत का आंकड़ा 145 है।
भाजपा की राष्ट्रीय प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस ने हाल के दिनों में अपनी चुनावी हार के सिलसिले में महाराष्ट्र को भी शामिल करते हुए मात्र 16 सीटें जीतीं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट ने 20 सीटें जीतीं और शरद पवार की पार्टी, जो कि एनसीपी का दूसरा गुट है, ने 10 सीटें जीतीं। कांग्रेस के साथ मिलकर दोनों दल महा विकास अघाड़ी गठबंधन बनाते हैं। विपक्षी गठबंधन की सीटों की कुल संख्या मात्र 46 है।
दिल्ली और मुंबई दोनों जगहों पर गहन विचार-विमर्श चल रहा है, लेकिन अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि नई गठबंधन सरकार का चेहरा कौन होगा।
इस सप्ताह की शुरुआत में निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वे “बाधा” नहीं बनेंगे और शीर्ष पद के बारे में भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के फैसले का पालन करेंगे। इससे प्रभावी रूप से देवेंद्र फडणवीस के लिए रास्ता साफ हो गया है, जो दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और पिछली एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री थे, जो दौड़ में सबसे आगे हैं।
अजित पवार की पार्टी पहले ही कह चुकी है कि श्री फडणवीस मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें स्वीकार्य हैं।
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर सियासी अटकलें लगाई जा रही हैं. लेकिन एक बात तय हो गया है कि मुख्यमंत्री बीजेपी से ही होगा. इसका खुलासा खुद एनसीपी नेता अजित पवार ने किया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में महायुति के नेताओं की बैठक में यह तय हो गया है कि बीजेपी के मुख्यमंत्री के साथ सरकार बनाएंगे. अन्य दोनों दलों से उपमुख्यमंत्री होंगे. देरी को लेकर उठ रहे सवालों पर उन्होंने कहा, ऐसा पहली बार नहीं है कि देरी हो रही है. अगर आपको याद हो तो 1999 में सरकार गठन में एक महीने का समय लगा था.
इस बीच शपथ ग्रहण की तैयारियां शुरू हो गई हैं. महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान शपथ ग्रहण समारोह होगा. हालांकि, उन्होंने भी नहीं बताया कि मुख्यमंत्री कौन होगा. हालांकि, जिस तरह के नतीजे सामने आए, उससे माना जा रहा था कि बीजेपी का ही मुख्यमंत्री होगा. इस पर दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह के घर महायुति के तीनों दलों की बैठक भी हुई. जिसमें एकनाथ शिंदे, अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस शामिल हुए थे. अजित पवार के मुताबिक, उसी बैठक में तय हो गया था कि मुख्यमंत्री बीजेपी का ही होगा. लेकिन वहां से लौटते ही एकनाथ शिंदे अपने गांव सतारा चले गए. अब बताया जा रहा है कि उनकी तबीयत खराब है.
बीजेपी के बड़े नेता ने दिया इशारा
जब सीएम फेस को लेकर बीजेपी के बड़े नेता सुधीर मुनगंटीवार से सवाल किया गया, तो उन्होंने संकेतों में ही कुछ बातें कहीं. मुनगंटीवार ने कहा- एक नियम है कि मुख्यमंत्री संसदीय समिति का नेता चुना जाता है. उन्होंने कहा-शपथ कौन लेगा, इसके बारे में किसी को नहीं पता. इस पर टिप्पणी करना भी अनुचित होगा. लेकिन तीनों दलों के नेताओं के नेताओं की ओर से ऐलान होने के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकता है.
क्या नया प्रयोग करेगी BJP?
अजित पवार के खुलासे से कुछ ही देर पहले बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. इसके बाद तमाम तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं. कहा जाने लगा कि तावड़े को भी सीएम बनाया जा सकता है. क्योंकि वे भी महाराष्ट्र से आते हैं और बीजेपी के शीर्ष नेताओं के करीबी बताए जाते हैं. लेकिन क्या बीजेपी इस तरह का कोई प्रयोग कर सकती है? इसके बारे में यकीनी तौर पर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है.
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि फडणवीस मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। एनसीपी के अजित पवार ने भी मुख्यमंत्री पद के लिए फडणवीस का समर्थन किया है। शिंदे ने यह स्पष्ट किया है कि वह बीजेपी नेतृत्व के फैसले का समर्थन करेंगे और मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई अड़चन नहीं डालेंगे। महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की सरकार के गठन को लेकर हलचल जारी है, और अब 5 दिसंबर को नई सरकार का शपथ ग्रहण होने की संभावना जताई जा रही है। इस बीच, मुख्यमंत्री पद को लेकर कई चर्चाएं चल रही हैं, और देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने की संभावना सबसे मजबूत मानी जा रही है।