छ.ग. विशेष संवाददाता :- राजेन्द्र मंडावी ग्राम सभा अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई 3 ग्राम सभाओं में नहीं पहुंची सरपंच, 15 दिन से घर से लापता
कांकेर। ग्राम पंचायत कुर्रुभाट, विकासखंड चारामा में सरपंच यमुना निर्मलकर पर भ्रष्टाचार और शासकीय धन के गबन के गंभीर आरोपों के चलते ग्रामीणों और पंचायत सदस्यों के बीच आक्रोश बढ़ता जा रहा है। ग्राम सभा अध्यक्ष ने हाल ही में सरपंच के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई हैं, जिनमें शासकीय धन का फर्जी भुगतान, अधूरे निर्माण कार्य और नियमों की अनदेखी के आरोप प्रमुख हैं।
फर्जी भुगतान और अधूरे निर्माण कार्यों का आरोप :-
ग्राम सभा अध्यक्ष की शिकायत के अनुसार, पंचायत में स्वच्छता मिशन, सामुदायिक शौचालय, सड़क निर्माण और अन्य योजनाओं के तहत लाखों रुपये का फर्जी आहरण किया गया है। शौचालय निर्माण के नाम पर जहां हजारों रुपये निकाले गए, वहीं मौके पर निर्माण कार्य हुआ ही नहीं। गौठान और पंचायत भवन में पोताई, सड़क मरम्मत और कचरा निपटान के नाम पर भी बड़ी रकम का गबन किया गया।
ग्राम सभा में अनुपस्थिति से बढ़ा संदेह :-
ग्राम सभा अध्यक्ष ने बताया कि उन्होंने तीन बार ग्राम सभा की बैठक बुलाई, ताकि सरपंच से इन आरोपों पर जवाब लिया जा सके। लेकिन, सरपंच यमुना निर्मलकर इनमें से किसी भी बैठक में उपस्थित नहीं हुईं। उनकी अनुपस्थिति ने ग्रामीणों के बीच इन आरोपों को और बल दिया है।
15 दिन से घर से फरार, प्रशासन की चुप्पी पर सवाल :-
शिकायत दर्ज होने और ग्राम सभाओं में अनुपस्थिति के बाद सरपंच पिछले 15 दिनों से अपने घर से गायब बताई जा रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच ने अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए फरार होने का रास्ता चुना है। वहीं, पंचायत सचिव अन्नू लहरी पर भी गंभीर आरोप लगे हैं, लेकिन उनकी ओर से कोई सफाई या बयान नहीं आया है।
ग्राम पंचायत में बढ़ता आक्रोश :-
ग्राम पंचायत कुर्रुभाट के ग्रामीणों का गुस्सा इस मामले में उफान पर है। उनका कहना है कि प्रशासन को मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। ग्राम सभा अध्यक्ष ने जिला प्रशासन, जनपद पंचायत और पुलिस अधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजकर दोषियों पर कानूनी कार्रवाई और गबन की गई राशि वसूलने की मांग की है।
ग्राम सभा अध्यक्ष का बयान :-
ग्राम सभा अध्यक्ष ने कहा, “यह मामला केवल भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि ग्रामवासियों के साथ धोखा है। शासकीय योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने के बजाय सरपंच और सचिव ने इसका दुरुपयोग किया। मैं प्रशासन से अपील करता हूं कि इस मामले की गहराई से जांच की जाए और दोषियों को सख्त सजा दी जाए।”
आरोपों की सूची पर एक नजर :-
शिकायत के अनुसार, पंचायत में फर्जी भुगतान और कार्यों की सूची लंबी है। अधूरी सड़क मरम्मत, शौचालय निर्माण, गौठान पोताई और सामुदायिक कार्यों के नाम पर लाखों रुपये का गबन हुआ है। इनमें कई ऐसे कार्य भी शामिल हैं, जो कागजों पर पूरे दिखाए गए हैं, लेकिन जमीन पर कहीं भी मौजूद नहीं हैं।
प्रशासन के सामने चुनौती :-
यह मामला केवल पंचायत की वित्तीय अनियमितताओं तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रशासन की जवाबदेही और पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करता है। क्या प्रशासन दोषियों को सजा दिला पाएगा? क्या ग्रामीणों को उनके हक का न्याय मिल पाएगा? यह देखना बाकी है।
निष्कर्ष :-
ग्राम पंचायत कुर्रुभाट का यह मामला केवल भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि शासकीय व्यवस्थाओं में सुधार और पारदर्शिता लाने का बड़ा अवसर है। ग्रामीणों की आवाज को सुनते हुए अगर समय रहते कार्रवाई की गई, तो यह अन्य पंचायतों के लिए एक नजीर बनेगा। ग्रामीणों और ग्राम सभा अध्यक्ष की उम्मीदें अब प्रशासन पर टिकी हुई हैं।