बरेली से यूसुफ़ खान की रिपोर्ट
डिप्टी सीएम के रडार पर दीप माला हॉस्पिटल आयुष्मान योजना से मान्यता रद्द
बरेली। केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज के लिए आई महिला मरीज को अस्पताल से बाहर निकालने वाले डॉक्टर और उनके अस्पताल पर अब कड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है।
दीपमाला अस्पताल के डॉ. सोमेश मेहरोत्रा ने न सिर्फ आयुष्मान योजना को धोखा करार दिया, बल्कि अभद्र व्यवहार करते हुए मरीज को इलाज से वंचित कर दिया। अगले ही दिन महिला की मौत हो गई। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने मामले का संज्ञान लिया है। उनके निर्देश पर सीएमओ ने टीम गठित की है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर दीपमाला हॉस्पिटल की आयुष्मान योजना से मान्यता रद्द कर दी गई है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मामले की जांच के लिए गठित दो सदस्यीय कमेटी ने दीपमाला अस्पताल पहुंचकर डॉ. सोमेश के बयान दर्ज किए। प्रारंभिक जांच में डॉक्टर पर आयुष्मान योजना के मरीजों के साथ अभद्रता और सरकार की योजनाओं के प्रति दुष्प्रचार करने का दोष पाया गया है। डॉक्टर से यह पूछा गया है कि उन्होंने जिला अस्पताल के डॉक्टरों और अधिकारियों पर किस आधार पर आरोप लगाए है।
शाहजहांपुर निवासी महिला आयुष्मान योजना के तहत दीपमाला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंची थी। अस्पताल के डॉक्टर सोमेश मेहरोत्रा ने आयुष्मान योजना को ठगी बताते हुए महिला का इलाज करने से इनकार कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला अस्पताल में फ्री इलाज से मरीज ठीक नहीं हो सकते, उन्होंने सरकारी बजट के दुरुपयोग के गंभीर आरोप भी लगाए।
डॉ. सोमेश ने जिला अस्पताल के डॉक्टरों, स्वास्थ्य अधिकारियों और नेताओं पर भी आरोप लगाए। उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि जिला अस्पताल में इलाज ठीक नहीं होता और सारा बजट अधिकारियों और नेताओं द्वारा हजम कर लिया जाता है।
इस घटना पर उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा, आयुष्मान योजना गरीबों के लिए कल्याणकारी है और पात्रों को बेहतर इलाज की सुविधा प्रदान करती है सरकार की योजनाओं का दुष्प्रचार करने और मरीजों के साथ अभद्रता करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
नोडल अधिकारी डॉo राकेश कुमार के अनुसार दीपमाला अस्पताल की आयुष्मान योजना की मान्यता रद्द कर दी गई है। शुरुआती जांच में डॉक्टर सोमेश को योजना के दुष्प्रचार और मरीजों से अभद्र व्यवहार का दोषी पाया गया है। जिस महिला मरीज को अस्पताल से निकाला गया, उसकी अगले दिन मृत्यु हो गई है।
आयुष्मान योजना के भरोसे बैठी महिला को जब डॉक्टर ने अस्पताल से बाहर निकला तब उसकी मौत हो गई। परिवार के लोग डॉक्टर के अमर्यादित और बेरहम व्यवहार को लेकर काफी दुखी हैं। डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर कराने की तैयारी चल रही है।