सत्यार्थ न्यूज
ब्यूरो चीफ सोयत कला से मनोज कुमार माली
गंदगी का अंबार पिपलिया खेड़ा बालाजी मंदिर का – मंदिर के पीछे लग रहा गंदगी का अंबार
मंदिर परिसर में बना सुलभ कंपलेक्स जिस पर मंदिर समिति ने जड़ दिया ताला दर्शन के लिए आने वाले भक्तगण होते हैं परेशान
मूत्रालय को संडास बना दिया है पर आज तक ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव के द्वारा गंदगी की ओर कोई ध्यान नहीं दिया
सुसनेर , सोयत कला से मध्य प्रदेश राजस्थान सीमा संगम पर स्थित अति प्राचीन श्री पिपलिया खेड़ा बालाजी मंदिर दूर दूर तक प्रसिद्ध है जहां सैकड़ो की संख्या में भक्तों का आना-जाना लगा रहता है पर यहां पर कही वर्षों से मंदिर अव्यवस्थाओं की सुर्खियों में बना रहा है
देखा जाए तो कहीं वर्षों के बाद मंदिर के समीप एक सुलभ कंपलेक्स बनाया गया जो पुरुष महिलाएं शाैच के लिए जा सकती है लेकिन उस पर भी नई समिति ने ताला जड़ रखा है जिससे आने वाली महिलाओं और पुरुषों को शाैच के लिए नदी के तट पर खुले में शाैच के लिए मजबूर होना पड़ रहा है और वही एक शौचालय और है जिस पर वही की पुलिस द्वारा ताला जड़ रखा हे ऐसे में आने वाले भक्तों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है पर जिम्मेदारों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है वही दर्शन के लिए बेरछा निवासी राधाबाई सालरिया निवासी द्रोपती बाई सालिया खेड़ी निवासी रेखा बाई ने बताया कि यहां मंदिर के पीछे जगह-जगह गंदगी हो रही है और यहां पर शौचालय की कोई उचित व्यवस्था भी नहीं है यहां एक सुलभ कंपलेक्स बना है उस पर भी ताला लगा हुआ है इसकी वजह से शाैच के लिए नदी की ओर खुले में जाना पड़ रहा है प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए*
*समिति के अध्यक्ष सुसनेर एसडीम तो सचिव नायब तहसीलदार सोयत कला फिर भी सफाई पर नहीं ध्यान
लगातार धार्मिक संगठनो एवं भक्तों के द्वारा मंदिर जीर्णोद्धार व साफ सफाई को लेकर आवेदन ज्ञापन और रैली भी निकली गई है तब जाकर प्रशासन द्वारा थोड़ा विकास देखने को मिल रहा है लेकिन यहां पर मंदिर के पीछे गंदगी का हमेशा अंबार लगा रहता है यहां पर जो पुराना पैशाब घर बना हुआ है उसमें लोगों द्वारा शराब के खाली क्वार्टर और मूत्रालय को संडास बना दिया है पर आज तक ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव के द्वारा गंदगी की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है यही नहीं दिलचस्प बात तो यह है कि शासन द्वारा बनाई गई मंदिर समिति के अध्यक्ष एसडीम है तो सचिव नायब तहसीलदार है उनके द्वारा भी आज तक सफाई पर ध्यान नहीं दिया गया और हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही है मंदिर पर आने वाले भक्त मंदिर के पीछे हो रही गंदगी एवं बदबू से परेशान होकर कई सवाल खड़े करते हुए दिखाई देते हैं हम आपको बता दे कि इस मंदिर पर हजारों वर्षों से मेला लगता आ रहा था जहां कहीं दूर-दूर के लोग मेला देखने के लिए यहां आते थे पर धीरे-धीरे मेला भी बंद होने लगा है ऐसे प्रसिद्ध मंदिर पर जिम्मेदारों द्वारा ध्यान देना चाहिए और हो रही व्यवस्थाओं मैं सुधार करना चाहिए कई बार मीडिया कर्मियों द्वारा भी अव्यवस्थाओं को लेकर खबरें प्रकाशित की गई खबरें प्रकाशित होते ही प्रशासनिक अधिकारी आनंद फानन में साफ सफाई व्यवस्था करवा देते हैं उसके बाद देखने वाला कोई नहीं होता जब भी मंदिर की दान पेटी खुलती है तो लाखों रुपए निकलते हैं पर उसे पैसे को सरकारी खजाने में जमा कर देते हैं लेकिन व्यवस्थाओं पर कोई प्रक्रिया नहीं होती है*