सोनभद्र के कोन थाना क्षेत्र में पुलिस ने नकली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में पुलिस ने दो जालसाजों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से 10 हजार रुपए मूल्य के 500-500 के नकली नोट बरामद किए गए हैं। यूट्यूब से नकली नोट बनाने की प्रक्रिया सीखकर 10 रुपये के स्टांप का इस्तेमाल कर 500-500 रुपये के नकली नोट बनाकर बाजार में चलाने का खुलासा होने से हड़कंप मच गया है। इस मामले में गिरोह के मास्टरमाइंड दो दोस्तों को 10 हजार रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया हैस्टांप और नकली नोट बनाने में इस्तेमाल होने वाले उपकरण बरामद किए गए हैं। पूछताछ के बाद शुक्रवार दोपहर पकड़े गए दोनों आरोपियों का भादंसं की धारा 178,179, 180, 181 के तहत चालान कर दिया गया|
पुलिस लाइन सभागार में शुक्रवार को अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय कालू सिंह ने पत्रकारों से वार्ता में गिरोह का राजफाश करते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपित राबर्ट्सगंज क्षेत्र के चुर्क बाजार निवासी प्रमोद मिश्र तथा मीरजापुर निवासी सतीश राय हैं।
नकली नोट छापने व चलाने वाले गिरोह की सूचना पर पुलिस ने बिना नंबर की एक अल्टो कार का पीछा किया और उसमें सवार दोनों आरोपितों को रामगढ़ मार्केट की एक दुकान पर पकड़ा। तलाशी में 500 रुपये के 20 नकली नोट बरामद हुए। नोट की जरूरी विशिष्टताओं पर यदि ध्यान नहीं दिया जाए तो कोई भी नहीं पहचान पाएगा कि ये नोट असली नहीं हैं। सभी नोटों पर एक ही सीरियल नंबर (6 एक्यू 938124 रिजर्व बैंक आफ इंडिया) लिखा था।
पिछले 8 महीने से छाप रहे थे नकली नोट
नोट छापने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण, एक लैपटाप, एक प्रिंटर और 27 स्टांप पेपर भी जब्त किए हैं। दोनों चुर्क में ही नकली नोट छापते थे और फिर उसे सोनभद्र में चलाते थे। दोनों पिछले आठ माह से नकली नोट के धंधे में लिप्त थे। उन्होंने मीरजापुर से स्टांप पेपर खरीदा था।
पूछताछ में दोनों आरोपितों ने बताया कि वे मिनरल वाटर का विज्ञापन बनाने और फिर उसे छापने की प्रक्रिया यूट्यूब से सीखना चाहते थे। इसी बीच उन्हें यूट्यूब पर नकली नोट छापने का वीडियो दिखा। फिर वे लालच में लैपटाप व प्रिंटर की मदद से 500-500 रुपये के असली नोट को स्कैन कर 10 रुपये स्टांप पेपर पर नकली नोट छापकर बाजार में चलाने लगे।
मिर्जापुर से लाते थे स्टांप पेपर
जालसाज नोट छापने के लिए स्टांप पेपर मिर्जापुर से लाते थे। पुलिस पकड़े गए सभी स्टांप पेपर की भी जांच कर रही है। यह किसके नाम से आवंटित हुए हैं और उनकी इसमें भूमिका भी खंगाली जा रही है। एएसपी के मुताबिक जांच के बाद इसमें आगे की कार्रवाई की जाएगी।
स्टांप पेपर पर छापते थे नकली नोट
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि दोनों आरोपी 10 रुपए के स्टांप पेपर का इस्तेमाल कर नकली नोट छापते थे। इसके लिए वे कंप्यूटर प्रिंटर की मदद लेते थे। मुखबिर की सूचना पर कोन पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए इन्हें रंगे हाथों पकड़ा। जालसाजों ने बताया कि वे नकली नोटों को विभिन्न तरीकों से बाजार में खपाते थे।
रामगढ़ मार्केट में सामान खरीदते पकड़े गए आरोपी
गैंग के सदस्य रामगढ़ मार्केट में नकली नोटों के साथ सामान खरीदने पहुंचे थे, तभी पुलिस ने उन्हें धर दबोचा। उनके पास से बिना नंबर की एक आल्टो कार, प्रिंटर, लैपटॉप और 10 रुपए के 27 सादे स्टांप भी बरामद किए गए।
एडिशनल एसपी ने किया खुलासा
पुलिस लाइन में मामले का खुलासा करते हुए एडिशनल एसपी कालू सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद नकली नोटों का पूरा गोरखधंधा सामने आया। आरोपियों ने बताया कि वे 10 रुपए का स्टांप लेकर 500 रुपए का नोट कंप्यूटर में स्कैन करके प्रिंटर से दोनों ओर प्रिंट करते थे। इसके बाद वे इन नकली नोटों को बाजार में चला देते थे।
अब तक 30 हजार के नकली नोट चला चुके
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे अब तक 30 हजार रुपए के नकली नोट चला चुके हैं। चूंकि असली नोट के लिए इस्तेमाल होने वाला पेपर आसानी से नहीं मिलता, इसलिए वे स्टांप पेपर का उपयोग करते थे। स्टांप का पेपर मजबूत होता है, जिससे रात में नकली नोट को असली समझना आसान हो जाता है।
इनकी हुई गिरफ्तारी
पकड़े गए आरोपियों में प्रमोद मिश्रा (40) निवासी चुर्क बाजार, रॉबर्ट्सगंज और सतीश राय (27) निवासी नौगरहा, पचौरा, थाना कोतवाली चुनार, मीरजापुर शामिल हैं। पुलिस ने उनके पास से 10 हजार के 500 रुपए के 20 नकली नोट, प्रिंटर, लैपटॉप और ऑल्टो कार बरामद की है।
एडिशनल एसपी ने बताया कि दोनों आरोपी मिर्जापुर से स्टांप खरीदते थे। इस मामले में आगे की जांच जारी है, और जो भी नए तथ्य सामने आएंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस लाइन सभागार में एएसपी कालू सिंह ने मीडिया को बताया कि बृहस्पतिवार को छठ पूजा पर शांति व्यवस्था के मद्देनजर कोन थाना प्रभारी गोपालजी गुप्ता पुलिस टीम के साथ रामगढ़ स्थित इंडियन बैंक शाखा के पास मौजूद थे। इसी दौरान सूचना पर उन्होंने बिना नंबर की एक कार को रोका। तलाशी के दौरान कार सवार दो युवकों के पास से 500-500 रुपये के 20 नोट बरामद हुए। सभी नोटों पर एक ही सीरियल नंबर दर्ज था। पुलिस ने कार की डिकी से नोट छापने में इस्तेमाल होने वाला प्रिंटर, लैपटॉप, 10 रुपये मूल्य के 27 सादे स्टांप भी बरामद किए। पूछताछ में जालसाजों की पहचान मिर्जापुर के चुनार कोतवाली क्षेत्र के नौगरहा निवासी सतीश राय और रॉबर्ट्सगंज के चुर्क बाजार निवासी प्रमाेद मिश्र के रूप में हुई। दोनों ने बताया कि वे पहले कंप्यूटर में 500 रुपये का नोट स्कैन करते हैं। फिर दस रुपये के स्टांप पेपर पर उसे प्रिंट कर लेते हैं। इस तरह से तैयार करीब 30 हजार रुपये के नकली नोट वे अब तक खपा चुके हैं। ये दस हजार रुपये के नोट भी यहां खपाने के लिए आए थे। एएसपी ने बताया कि दोनाें को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इस कार्य में सहयोग करने वाले अन्य लोगों के बारे में सूचना जुटाई जा रही है।
यू ट्यूब से सीखा नकली नोट छापने का तरीका
पकड़े गए जालसाजों ने नकली नोट छापने का तरीका यू ट्यूब से सीखा था। दोनों पहले मिनरल वाटर के विज्ञापन छापने की प्रैक्टिस करते थे। इसी दौरान उन्होंने यू ट्यूब पर नकली नोट छापने की तरकीब देखी। वीडियो देखकर उन्होंने नोट छापना शुरू किया। ग्रामीण क्षेत्र के बाजारों में वह उसे आसानी से चला लेते थे। स्टांप पेपर का कागज सामान्य कागज से मोटा होता है और नोट वाले कागज से थोड़ी समानता भी है। साथ ही स्टांप पेपर के बीच में भारत लिखी हुई पट्टी बनी हुई होती है, जिससे गांवों के लोग उसे आसानी से पहचान नहीं पाते थे। हालांकि हर नोट पर सीरियल नंबर एक ही होता था।
झारखंड चुनाव को लेकर भी सतर्क है पुलिस
इन दिनों झारखंड में विधानसभा चुनाव चल रहा है। चुनाव में नकली नोट खपाने की आशंका के मद्देनजर भी पुलिस सतर्क है। कोन थाने की सीमा झारखंड से लगती हैं। बॉर्डर क्षेत्र में सतर्कता बरती जा रही है। वहां से गुजरने वाले हर व्यक्ति पर पैनी निगाह रखते हुए तलाशी भी ली जा रही है। कोन थाना प्रभारी गोपाल जी गुप्ता खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में ही कोन पुलिस ने तस्करी पर कई कार्रवाइयां की हैं।