मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री 01 नवम्बर को गो अभयारण्य में करेंगे गो पूजन
सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित गो रक्षा वर्ष के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 204 वे दिवस पर श्रोताओं को संबोधित करते हुए स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती महाराज ने बताया कि
क्रोध हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है| रजोगुण और तमोगुण के प्रभाव से मनुष्य में क्रोध तेजी से बढ़ता है ।
मनुष्य के क्रोध का सबसे बड़ा कारण विषयों का अधिक चिंतन करना भी है |धन, दौलत, मान, सम्मान, लाभ हानि यह सब विषय है और यह विषय विकार का सबसे बड़ा कारण है | दुःख सभी के जीवन में आते है , भगवान कृष्ण और राम जी के जीवन में भी अपार दुःख आया | जब भगवान इससे नहीं बच पाए तो हम क्या है | यदि सुखी होना चाहते हो कर्म निर्जला होना होगा | कर्म निर्जला का सबसे सरल मार्ग है गो सेवा | भगवान राम जी और कृष्ण जी ने खुद धरती पर अवतरण लेकर गोसेवा का सन्देश दिया | हमें हमारे आराध्य के जीवन चरित्र से इस बात को समझना चाहिए |
संतान को जन्म देना बड़ी बात नहीं है | अच्छी संतान को जन्म देना बड़ी बात है | वही स्त्री भाग्यशाली जिसकी संतान अच्छी हो | स्त्री को जानवरों की तरह बच्चो को जन्म देने से कोई मतलब नहीं है | अच्छे बच्चे को जन्म देना पुरुष के नहीं स्त्री के हाथ में है | गो माता की कृपा से स्त्री अच्छी संतान को जन्म दे सकती है | पयोव्रत विधी का पालन करने से स्त्री अच्छी संतान को जन्म दे सकती है | पयो यानि दूध – गोमाता के दूध पर रहकर यह व्रत किया जाता है |
गर्भ में अच्छी संतान हो तो घर में अच्छी अच्छी बाते होना शुरू हो जायेगे, परिवार में खुशहाली रहेगी, व्यापार अच्छा चलना शुरू हो जाएगा| ठीक इसी प्रकार अशुभ समाचार आये, परिवार के लोग बीमार रहने लगे, व्यापार में घाटा होने लगे तो समझ जाना चाहिए की गर्भ में पल बच्चा राक्षस प्रवृति का होगा |
स्वामीजी ने आगे बताया कि इन्सान को हमेशा खुश रहना चाहिए | अपने से ऊँचे व्यक्ति को देखोगे तो दुखी रहोगे , अपने से नीचे वाले लोगों को देखोगे तो लगेगा कि भगवान ने हमें कितना कुछ दे रखा है | जितना किया है उतना हमारा है | जिसके पास धन दौलत है उससे ईर्ष्या नहीं करे | उसने काफी सद्कर्म किये होंगे, कितनी मेहनत की होगी यह हमें नहीं पता |
जो ज्यादा विनम्रता दिखाए उससे सावधान रहे | सामान्य विनम्र रहे वह मानव की प्रवृति है ऐसे व्यक्ति से कोई हानि नहीं , लेकिन सामान्य से अधिक विनम्रता रखने वाले व्यक्ति हानि पहुँचाने वाले हो सकते है | मीठी बाते करने वाले व्यक्ति ठीक नहीं होते | कड़वा बोलने वाला व्यक्ति हमारा हितेषी होता है |
* मुख्यमंत्री कार्यालय एवं जिला प्रशासन से मिली सूचना के आधार पर गो अभयारण्य में 02 नवम्बर से 10 नवम्बर तक आयोजित होने गो नवरात्रि महोत्सव के उद्घाटन के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन जी यादव 01 नवम्बर को गो अभयारण्य में करेंगे गो नवरात्रि महामहोत्सव का उद्घाटन*
*204 वे दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के देवास से *
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 204 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के देवास जिले के बडखेड़ा ग्राम से गोपाल दास बैरागी एवं मनोहर सिंह के परिवार की ओर से अपने नगर,राज्य एवं देश के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
चित्र 1 : गोकथा सुनाते स्वामी गोपालानंद सरस्वती।
चित्र 2 : गोकथा में उपस्थित गौभक्त।
चित्र 3,4 : गोकथा में गोमाता को चुनड़ ओढाते गोभक्त ।
चित्र 5,6 : चुनरी यात्रा में आए गोभक्तो को सम्मानित करते महोत्सव के कार्यकर्ता
चित्र 7 : गो पुष्टि पूजन करते गो भक्त ।
चित्र 8 : गोमाता के लिए चुनड़ लाते गोभक्त ।