बफर जोन की जद में आ रहे हैं दर्जनों क्रेशर रातापानी अभ्यारण के आस- पास चल रहे ईंट भट्ठे होंगे बंद
संवाददाता गोविन्द दुबे रायसेन
मंडीदीप. रातापानी अभ्यारण बनने की राह में रसूखदारों का अड़ंगा रोड़ा बन रहा है। सूत्रों के मुताबिक क्षेत्र के वन और खनन माफिया नहीं चाहते कि अभ्यारण को टाइगर रिजर्व का दर्जा प्राप्त हो। वही कलेक्टर के आदेश पर राजस्व विभाग द्वारा क्रेशरों की जांच की जा रही है। सभी क्रेशर राजस्व विभाग की भूमि पर संचालित हो रहे है। वन विभाग के जिम्मेदारों का मानना है कि टाइगर रिजर्व बनने के बाद लगभग सीमा से दो किलोमीटर दूर तक बफर जोन रहता है। बताया जाता है कि बफर जोन की जद में दर्जनों क्रेशर आ रहे है। इस मामले को लेकर अधिकारियों की बैठकों का दौर जारी है।
इनका कहना है:-
कलेक्टर कार्यालय के पत्र के आधार पर गौहरगंज क्षेत्र में संचालित क्रेशरों की जांच इस आधार पर की जा रही है कि वह रातापानी अभ्यारण की सीमा से कितने दूर है।
-चन्द्रशेखर श्रीवास्तव, एसडीएम गौहरगंज
क्रेशरों और ईंट भट्टो को लेकर राजस्व विभाग को पत्र के माध्यम से समय-समय पर अवगत कराया गया है। इन सब चीजों को इको सेंसिटिव जोन से हटाया जाएगा।
-हेमंत रैकवार, वनमण्डलाधिकारी औबेदुल्लागंज