*समाजवादी पार्टी समाप्तवादी पार्टी – केशव प्रसाद मौर्य*
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का यह बयान सही प्रतीत होता हुआ दिख रहा है।
सोनभद्र
*जब से भाजपा से आए पूर्व सांसद छोटेलाल सिंह खरवार सपा के टिकट पर सांसद निर्वाचित हुए है लेकिन उनके दिमाग से भाजपा का मोह नहीं जा रहा है और समाजवादी पार्टी खास तौर से पी डी ए की बात करती है लेकिन एहा का हाल अलग सा है नगवां ब्लॉक में गुट बाजी अपने चरम पर है।*
*जीत का सूखा खत्म कर छोटेलाल सिंह खरवार ने राबर्ट्सगंज सीट से जीत दर्ज की जिससे सपा कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह देखने को मिला साथ साथ सांसद के खास होने की होड़ लग गई और कार्यकर्ता कई गुटों में विभाजित हो गए और एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश में लगे है।*
*अभी हाल में ही में नगवां ब्लॉक के नगपुर मे सांसद जी आए थे वही पर स्वास्थ्य विभाग की राजनीति की शिकार एक एएनएम अपनी फरियाद लेकर सांसद से मिलती है और अपनी पीड़ा व्यक्त करती है तो सांसद जी संबंधित अधिकारी से वार्ता करने के बजाय मामले को टालते नजर आए और कहा कि भाजपा की सरकार है हमारी बात अधिकारी मानेगा या नहीं मानेगा इसकी कोई गारंटी नहीं है वही पर कुछ कालमकर साथी उपस्थित थे और पूरे प्रकरण को अपने कैमरे में कैद कर लिया और खबर चलाई गई खबर से नाराज सांसद ने एक कलमकार साथी जो सपा से जुड़े हुए थे संबंधित फ्रंटल के जिलाध्यक्ष पर दबाव बनाकर पार्टी से निकलवा दिया कहा गया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने की वजह से पार्टी से निष्काशित किया जाता है पार्टी के इस कदम से यह सिद्ध होता है की सपा केवल यादवों की पार्टी है दूसरे जाति के लोग जो पार्टी के लिए संघर्ष किया जेल गया उसका कोई मोल नहीं है।*
*ये वही सांसद है जो पुर्व में भाजपा में सांसद रहते हुए शिक्षा स्वास्थ्य सड़क सिंचाई पर कोई कार्य नहीं कर पाए और सपा के टिकट लेकर कार्यकर्ताओं के दम पर जीत दर्ज किया उस के बाद क्या था संस्कारी पार्टी से आए सांसद जी का कार्यक्रम कोई कार्य कर्ता अपने गांव बुला लिया गांव जाते समय गाड़ी रास्ते में फस जाती है फिर क्या सांसद जी अपने पर आ गए जिनका एक गाली देते हुए वीडियो वायरल हुआ था मामला था कि किसी गांव में एक कार्यक्रम में इनको जाना था और रोड खराब होने की वजह से सांसद महोदय की गाड़ी फंस गई और सांसद जी नाराज होकर गाली देने लगे खैर इनका विवादों से पुराना नाता रहा है यह सब देख कार्यकर्ताओं में काफी मायूसी देखनें को मिल रही है बड़े लिडर कार्यकर्ताओं को बुनियाद मानते जब बुनियाद में ही दरार पड़ जाएगा तो उसपर बने हुए स्वरुप कितने दिन चलेगा ।*
वही इस मामले में सपा युवजन सभा के जिलाध्यक्ष बबलू धांगर से सेल फोन पर वार्ता किया गया और उनसे पूछा गया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का क्या साक्ष्य है तो उन्होंने बताया कि माननीय लोगों के दबाव में आकर यह कदम उठाना पड़ा मैं निकालना नहीं चाहता था पर सांसद और अध्यक्ष ने मेरे ऊपर दबाव बहुत दिनों से बना रहे थे इस वजह से हमे ऐसा कदम उठाना पड़ा।