सवांददाता मीडिया प्रभारी मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ
हमारी उम्र बढ़ती जाती है वैसे हमारा दिमाग कमजोर होता चला जाता है। 40 वर्ष की आयु के आसपास, हमारी ब्रेन (brain) हेल्थ में गिरावट शुरू हो सकती है। इसलिए हम इसे हेल्थी बनाए रखाने के लिए कुछ टिप्स अपना सकते हैं।
हमारी हर क्रिया के पीछे ब्रेन (brain) की भूमिका होती है, चाहे वह यादें संजोना हो या प्रतिदिन के चुनौतियों का सामना करना। ब्रेन हेल्थ मुख्य रूप से हाइड्रेशन, नींद और उम्र के प्रभावों से प्रभावित होती है। ब्रेन हमारे शरीर का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे सभी कार्यों को नियंत्रित करता है। जो कुछ भी हम करते हैं,उसमें हमारे ब्रेन के कार्य का महत्वपूर्ण योगदान होता है। ब्रेन हमारे अनुभवों को प्रभावित करता है, हमारे सभी गतियों को नियंत्रित करता है और हमारे भावनाओं तथा विचारों का प्रबंधन करता है। जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं,हमारी मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ने लगता है। 40 वर्ष की आयु के आसपास,हमारी ब्रेन (brain) हेल्थ में गिरावट शुरू हो सकती है। जानकारी को याद रखने में कठिनाई होने लगती है,न्यूरोजेनरेटिव बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है,और अल्जाइमर रोग का जोखिम भी बढ़ता है।
ब्रेन को हेल्थी बनाएं रखने के लिए टिप्स :-
म्यूजिक-अपने पसंदीदा या थ्रोबैक गाने सुनें,जो आपको खुशी प्रदान करते हैं। संगीत मस्तिष्क के न्यूरल पथों को तुरंत सक्रिय करता है, जिससे मस्तिष्क की सामान्य कार्यप्रणाली में सुधार होता है।
ब्रेन गेम्स खेले-ब्रेन को स्वस्थ बनाएं रखने के लिए ब्रेन गेम्स जैसे क्रॉसवर्ड पजल या सुडोकू खेलने से मस्तिष्क के न्यूरल कनेक्शन और उसकी प्लास्टिसिटी में वृद्धि होती है।
पर्याप्त नींद-ब्रेन (brain) का वह तंत्र जो मस्तिष्क से विषाक्त पदार्थों को निकालता है,रात के समय सबसे ज्यादा सक्रिय होता है। नींद के दौरान मस्तिष्क से टॉक्सिन्स का निष्कासन होता है,हार्मोनल संतुलन बनाए रखा जाता है मेटाबॉलिज्म में वृद्धि होती है और अनावश्यक इच्छाएं नहीं होती हैं,साथ ही लिवर की डिटॉक्स प्रक्रिया को भी सहायता मिलती है।
एक्सरसाइज करें-व्यायाम एक ऐसी गतिविधि है,जो न्यूरोजेनेसिस (नए मस्तिष्क कोशिकाओं का निर्माण) की प्रक्रिया को बढ़ावा देती है। यह मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारता है। इसके परिणामस्वरूप सिनैप्स के कार्य में सुधार होता है। इसके अतिरिक्त, व्यायाम करने से मस्तिष्क में रक्त प्रवाह में वृद्धि होती है, जिससे इसे पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है और यह उम्र बढ़ने के प्रभावों से बचाता है।
सोशल रहें-रिसर्च के अनुसार, सामाजिक रूप से सक्रिय रहने से मस्तिष्क (brain) सक्रिय रहता है और न्यूरल सेल्स तथा मस्तिष्क के बीच संबंध को मजबूत करता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।