पहले मांगी माफी और यमुना के गंदे पानी में लगा दी डुबकी, अब त्वचा रोग से पीड़ित हुए दिल्ली BJP अध्यक्ष
संवाददाता विशाल लील की रिपोर्ट
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने गुरुवार को यमुना नदी के अत्यधिक प्रदूषित पानी में डुबकी लगाई और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 2025 तक यमुना नदी को साफ करने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया. दिल्ली बीजेपी ने एक बयान में कहा कि डुबकी लगाने के बाद सचदेवा को त्वचा पर चकत्ते और सांस लेने में थोड़ी तकलीफ महसूस हुई. आरएमएल अस्पताल के डॉक्टरों ने उनकी जांच की और उन्हें तीन दिनों की दवा दी.
वहीं आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी का नाटक बढ़ते प्रदूषण के स्तर की तरह ही तेज होता जा रहा है. उन्होंने दावा किया, “उत्तर प्रदेश और हरियाणा की बीजेपी सरकारें यमुना में अनुपचारित औद्योगिक अपशिष्ट जल छोड़कर यमुना में प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं.”
दिवाली के कुछ दिनों बाद मनाए जाने वाले पूर्वांचली त्योहार छठ से पहले सत्तारूढ़ आप और बीजेपी नदी में भारी प्रदूषण और जहरीले झाग को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. बीजेपी ने छठ घाट पर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और उनके पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल के लिए दो कुर्सियों के साथ एक मंच बनाया था, साथ ही उनके स्वागत के लिए लाल कालीन बिछाया था.
बुधवार को सचदेवा ने केजरीवाल को नदी में डुबकी लगाने की चुनौती देते हुए कहा था कि उन्होंने दिल्ली के लोगों से वादा किया था कि वह छठ पूजा 2025 से पहले इसे साफ कर देंगे ताकि वे इसमें स्नान कर सकें. दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष ने छठ से कुछ दिन पहले यमुना के गंदे पानी में डुबकी लगाई और वो भी माफी मांग कर.
दरअसल, साल 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साल 2025 तक यमुना को प्रदूषण से मुक्त करने का सिर्फ वादा किया था और कहा था कि यमुना का इतना साफ पानी होगा कि डुबकी लगाई जा सके. इसके लिए प्रदूषण मुक्त यमुना की जा सकेगी. इसी को लेकर दिल्ली बीजेपी ने बयान जारी किया कि वीरेंद्र सचदवा ने मां यमुना से क्षमा मांगी कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल एवं आतिशी मार्लेना सरकार ने यमुना सफाई फंड के 8500 करोड़ रुपये लूट लिए पर यमुना की सफाई नहीं की.
बता दें कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने जनवरी 2023 में सक्सेना की अध्यक्षता में यमुना को साफ करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति नियुक्त की थी, सर्वोच्च न्यायालय ने AAP सरकार की याचिका पर आदेश पर रोक लगा दी थी. दिल्ली सरकार ने तर्क दिया कि उपराज्यपाल की अध्यक्षता वाली समिति ने निर्वाचित और जवाबदेह सरकार को दरकिनार कर दिया. AAP सरकार ने सोमवार को आरोप लगाया कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश से औद्योगिक कचरा यमुना में मिल रहा है. नदी को झाग मुक्त बनाने और प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने सिलिकॉन-आधारित फूड-ग्रेड एंटीफोम सांद्रता का छिड़का