लापरवाही 150 से अधिक ऑटो का शहर में संचालन, 90% के पास दस्तावेज ही नहीं सुरक्षा से खिलवाड़… पंजीयन न फिटनेस फिर भी शहर में धड़ल्ले से दौड़ा रहे ऑटो
नागरिक बोले : चालक ड्रेस कोड का करें पालन, वाहन फिटनेस का रखें ध्यान
संवाददाता गोविन्द दुबे रायसेन
बरेली/ नगर में लगभग 150 से अधिक ऑटो संचालित होते हैं, जिनमें सभी ऑटो चालक नियमों को ताक पर रखकर संचालन कर रहे हैं। इनमें से 90 प्रतिशत निक ऑटो चालकों के पास ऑटो के न तो दस्तावेज है, न पंजीयन। किराया सूची नहीं लगी है, वहीं चालक ड्रेस कोड का भी पालन नहीं करते हैं। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर ऑटो चालक तो खिलवाड़ कर ही रहे हैं साथ ही पुलिस और आरटीओ विभाग भी कार्रवाई को लेकर अनदेखी कर रहे हैं। ऐसे में यदि कोई घटना यात्रियों के साथ होती है, या एक्सीडेंट होता है तो उसका जिम्मेदार कोन होगा, यह समझ से परे हैं। बीते रोज रिपोर्टर गोविन्द दुबे ने नगर के ऑटो में यात्रा कर ऑटो से यात्रा करना कितना खतरनाक है इसकी हकीकत जानी। अधिकांश ऑटो अनफिट दिखाई दिए, जब ऑटो चालकों से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि हमारे यहां कार्रवाई नहीं होती है इसलिए न दस्तावेजों की चिंता न कार्रवाई की। वह पिछले 10 सालों से ऑटो चला रहे हैं लेकिन अब तक उन पर कार्रवाई नहीं है। यही नहीं ऑटो चालकों की मनमर्जी ऐसी कि वह कि यात्री कितनी भी दूरी जाए 50 रुपए तो ले ही लेता है। जबकि नियमानुसार ऑटो में किराया सूची होना चाहिए।सवारी ऑटो कर रहे लोडिंग वाहन में उपयोग यही नहीं ऑटो चालक न केवल सवारियों को लाने ले जाने का काम कर रहे हैं बल्कि भाड़ा भरकर भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचा रहे हैं, जिससे लोडिंग वाहनों को काम नहीं मिल पा रहा है। इसके साथ भाड़ा और सवारियों दोनों ही नियम विरुद्ध तरीके से लाना ले जाना कर रहे हैं। लोडिंग ऑटो चालकों का कहना है कि जब कभी यदि ऑटो चालकों को भाड़ा न ले जाने के लिए कहते हैं तो वह लड़ने पर उतारु हो जाते हैं।। मेंट । ऐसे में दुकानदार या अन्य लोग उनकी जगह सवारी ऑटो को बुलाने लगे और उनका व्यवसाय कम हो रहा है। जिसका सीधा असर परिवार पर पड़ रहा है।
निर्देशों का नहीं कर रहे पालन
पूर्व में पुलिस के द्वारा ऑटो चालकों ड्रेस कोड लागू करने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही चालकों को खाकी ड्रेस, लोकल नंबर, वाहन के कागज, बीमा और ड्राइविंग लाइसेंस रखना अनिवार्य किया था। ताकि लाइसेंसी और गैर लाइसेंसी ऑटो चालाकों की पहचान हो सके। निर्देशों का उलंघन करने पर यातायात नियमों के तहत कार्रवाई का प्रावधान रखा गया था। लेकिन इन ऑटो चालकों के खिलाफ पुलिस एवं परिवहन विभाग के द्वारा सख्त कार्यवाही नहीं किए जाने के चलते ऑटो चालकों के हौसले बुलंद है, परिणाम स्वरूप नगर में सभी ऑटो चालक सादा कपड़ों में दिखाई देते हैं। नगर में बस स्टैंड से तहसील, अदालत, सिविल अस्पताल, महाविद्यालय, हनुमानगढ़ी, छीद मंदिर, होली चौक, चौधरी चौक, बड़ा बाजार आदि स्थानों का किराया निर्धारित नहीं होने के कारण बाहर से आने वाली सवारियों से मनमाफिक किराया वसूला जा रहा है।
आरटीओ नंबर के अलावा नहीं है लोकल पंजीयन
नियमानुसार ऑटो के ऊपर नगर परिषद से पंजीयन करवा कर ऑटो के ऊपर पंजीयन के माध्यम से मिलने वाला नंबर अंकित होना चाहिए लेकिन नगर में दौड़ने वाले एक भी ऑटो के ऊपर ऐसा नंबर अंकित नहीं है जिससे कि यह पता चल सके की यह ऑटो लोकल का है या बाहर का। चालक को रजिस्ट्रेशन बीमा, ड्राइविंग लायसेंस, ड्रेस, नेम प्लेट जरूर होना चाहिए।
जल्द होगी कार्रवाई
* जिन-जिन ऑटो चालकों के जो जो कागजातों की कमी है वह जल्द से जल्द पूरे कर वाले एवं नियम अनुसार ऑटो का संचालन करें। यदि ऑटो संचालक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, तो इस दिशा में जल्द से जल्द ऑटो संचालकों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। -विजय त्रिपाठी, थाना प्रभारी