• सुल्तानपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद राम भुवाल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
• हत्या के प्रयास का है आराेप, हाईवे जाम करने पर जारी हुआ था वारंट।
सुल्तानपुर संसदीय सीट से (सपा) सांसद गोरखपुर निवासी राम भुवाल को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हत्या के प्रयास मामले में अपर सत्र न्यायाधीश गोविंद मोहन ने राम भुवाल निषाद की अग्रिम जमानत अर्जित खारिज कर दी है। बेलीपार के भौवापार निवासी रंजीत उर्फ पप्पू निषाद सात मई 2012 को दिन में 11:00 बजे अपनी गाड़ी से दीवानी कचहरी आए थे।
आरोप है कि दीवानी कचहरी से वापस कुनरा घाट जा रहे थे।
दोपहर करीब 1:25 बजे छात्र संघ चौराहे पहुंचे तब आरोपी राम भुवाल निषाद अपने साथियों के साथ दो मोटरसाइकिलों से आए और जान से मारने की नियत से पिस्तौल सेफायर करने लगे। वह गाड़ी से कूद कर जान बचाने के लिए पास के विशाल मेगा मार्ट में छुप गए। इस बीच पीड़ित के वाहन चालक सुरेश पासवान के पेट में गोली लगी। दुकानदार के बेटे रवि पासवान के कंधे में भी गोली लगी। गोरखपुर के विशेष अपर सत्र न्यायाधीश एमपी /एमएलए कोर्ट श्री ज्ञानेंद्र कुमार ने गैर जमानती वॉरंट जारी किया है। राम भुवाल निषाद को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं।
“2015 में हाईवे जाम करने का मामला”और पुलिस की मुश्किलें”।
यह मामला 2015 का है, जब एक विवादित घटना के बाद मृतक केशव को पटना चौराहे के पास नेशनल हाईवे पर रखकर यातायात घंटों बाधित हुआ था। जिससे अफरा तफरी का माहौल बन गया था। पुलिस की लाख कोशिश के बावजूद प्रदर्शनकारी नहीं हटे तथा पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ धक्का मुक्की और अभद्रता की। अंततः पुलिस और प्रशासन ने कड़ी मशक्कत के बाद जाम को हटाया था।
11 आरोपियों में से 10 को जमानत मिल चुकी है। राम भुवाल की लगातार अनुपस्थिति पर वारंट जारी हुआ है। कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए थाना इंचार्ज बड़हलगंज को सख्त आदेश दिया है कि राम भुवाल निषाद को तत्काल गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए।
इस मुकदमे की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पीके दुबे ने गैर जमानती वारंट की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि राम भुवाल निषाद की लगातार अनुपस्थिति के कारण कोर्ट ने यह सख्त कदम उठाया है।राम भुवाल निषाद जो गोरखपुर के निवासी हैं बीते लोकसभा चुनाव 2024 में दिग्गज भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीमती मनिका गांधी को हराकर सांसद निर्वाचित हुए हैं। यह जीत उस समय एक बड़ी जीत मानी गई थी। जिसमें उन्होंने मेनका गांधी को हराकर बड़ी राजनीतिक उलट फेर की थी।