बाराबंकी : देवां मेला का उद्घाटन परम्परागत तरीके से बाराबंकी के जिला अधिकारी श्री सत्येन्द्र कुमार जी की धर्मपत्नी श्रीमती डां सुप्रिया कुमारी ने अपने परिवार व मेला कमेटी के साथ मिलकर देवां मेला का उद्घाटन।
बाराबंकी : देवां मेला का उद्घाटन परम्परागत तरीके से बाराबंकी के जिला अधिकारी श्री सत्येन्द्र कुमार जी की धर्मपत्नी श्रीमती डां सुप्रिया कुमारी ने अपने परिवार व मेला कमेटी के साथ मिलकर देवां मेला का उद्घाटन।
सिरौलीगौसपुर बाराबंकी से रिपोर्टर शिव कुमार वर्मा की रिपोर्ट
• देवां मेला का उद्घाटन परम्परागत तरीके से बाराबंकी जिला अधिकारी ने धर्मपत्नी संग अपने परिवार व मेला कमेटी के साथ मिलकर देवां मेला का उद्घाटन।
सिरौलीगौसपुर बाराबंकी देवां मेला का उद्घाटन परम्परागत तरीके से बाराबंकी के जिला अधिकारी श्री सत्येन्द्र कुमार जी की धर्मपत्नी श्रीमती डां सुप्रिया कुमारी ने अपने परिवार व मेला कमेटी के साथ मिलकर देवां मेला का उद्घाटन किया। इस देवा मेले को हाजी वारिस अली शाह की मजार पर दूर-दूर से जरीन आते हैं और यहां पर घोड़े बढ़िया भैंस झूला सर्कस आदि बहुत सी दुकाने आती हैं और 10 दिन तक मेले में अपनी दुकानदारी करते हैं यहां के दुकानदार बताते हैं कि करीब 25 वर्ष से हम यहां दुकान लेकर आते हैं और यहां के मेले से हिंदू मुस्लिम दोनों मिलकर इस मेले में दुकानदारी करते हैं और मेले में आकर मजार पर अपनी मन्नत मांगते हैं। जिनकी मन्नत पूर्ण होती है वह अपनी श्रद्धा अनुसार सप्रेम भेंट करते हैं मेला कमेटी का कहना है कि हम लोगों के द्वारा आने वाले सभी जयरीन के लिए रुकने के लिए रैन बसेरा का इंतजाम किया गया है और उसमें खाने से लेकर पानी लाइट आज की उचित व्यवस्था की गई है हमारे द्वारा मेला कमेटी के सदस्य मोहम्मद अहमद शहंशाह जिला पंचायत सदस्य सिरौली गौसपुर उनसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि 10 दिन मेला चलेगा। और आने वाले जायरीनों को सभी सुविधाएं हमारी कमेटी के द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
इस मेले में शासन प्रशासन के द्वारा अनेकों सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई है। सुरक्षा व्यवस्था हेतु पुलिस व्यवस्था उपलब्ध है। अचानक कोई जयरीन को दिक्कत होती है तो एमरजेंसी अस्पताल की व्यवस्था है। तथा जगह जगह पुलिस चौकी बनाई गई है। महिलाओं के लिए महिला चौकी भी बनाईं गई है। इस मेले में धार्मिक तथा रोमांटिक कॉमेडी फिल्म कलाकारों के द्वारा 10दिन तक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं। आखिरी दिन अतिस्बाजी करके मेले का समापन किया जाता है।