ग्राम पंचायत कुम्हिया में सरपंच लगा रहे बच्चों की निः शुल्क क्लास
साथ में होता है योगाभ्यास भी, इस सराहनीय पहल बन रही आम लोगों के लिए प्रेरणा
शहडोल से ब्यूरो चीफ राजेश कुमार यादव कि रिपोर्ट
शहडोल (विंध्य सत्ता) ब्यौहारी राजनीति समाज सेवा का माध्यम होता है। मंचो से ऐसे भाषण आपने बहुत सुने होंगे, लेकिन बहुत कम होते हैं जो ऐसी मिसाल पेश करे। शहडोल जिले के ब्यौहारी जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत कुम्हियां के सरपंच शैलेंद्र मिश्रा इस बात को साबित कर रहे हैं कि राजनीति उनके लिए समाज सेवा का माध्यम है। ग्राम पंचायत भवन में स्वयं युवा सरपंच शैलेंद्र मिश्रा और हीरालाल साकेत निवासी कुमहिया बीते 2 सालो से सुबह 6-00 से 8झ30 तक ग्रामीण छात्रों की कक्षाएं ले रहे हैं। आमतौर पर शहर के छात्र ट्यूशन क्लास ज्वाइन करते हैं। उसी की तर्ज में ग्रामीण बच्चों के लिए युवा सरपंच ने शिक्षा की अलख जलाने यह मुहिम शुरू की है। सरपंच के इस अनोखी पहल का सभी लोग सराहना कर रहे हैं। सरपंच ने भी बतौर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए अपने गांव के बच्चों को अंग्रेजी व्याकरण बिषय शारीरिक व्यायाम (पीटी योगा) सामान्य ज्ञान (जनरल नॉलेज) आदि का
ज्ञान दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि शिक्षित समाज की नींव मजबूत करने के उद्देश्य से यह क्लास लगाई जा रही है।
पंचायत में योगाभ्यास शुरू, बच्चों
की तादात 80 पार
ब्यौहारी जनपद के ग्राम पंचायत कुम्हियां मे बच्चे अब योग भी कर रहे हैं। बच्चे रोज सूर्य नमस्कार से लेकर अन्य आसन्नों का योगाभ्यास करते हैं। मैदान में बच्चों का योगाभ्यास बड़ा ही मनोरम लगता है। योगाभ्यास बच्चों में मानसिक विकास के साथ ही शारीरिक रूप से भी स्फूर्तिवान हो रहे हैं। ग्राम पंचायत कुम्हियां के बच्चे कक्षा शुरू होने से पहले योगाभ्यास कर रहे हैं।
इस ग्राम पंचायत कुम्हियां की पहल अन्य स्कूलों के लिए प्रेरणा बन रही है। यहां छात्र व छात्राएं पहुंचते ही मैदान में चेतना सत्र के लिए लाइन में लग जाते हैं। लगभग चालीस मिनट का यहां चेतना सत्र चलता है। इस बीच सबसे पहले बच्चे प्रार्थना करते हैं। इसके बाद प्रतिज्ञा व उद्देश्य की सीख लेते हैं। ग्राम पंचायत कुम्हियां के सरपंच शैलेंद्र मिश्रा और प्रकाश बैस. शुभम साहू आर्यन सिंह हर्ष मिश्र और सामाजिक कार्यकर्ता देखरेख में बच्चे योग के विभिन्न तरह के आसन्नों का अभ्यास करते हैं।
एसेंबली में बच्चों से किए जाते सवाल-
जवाबः चेतना सत्र में बच्चों की एसेंबली में जीएस से संबंधित सवाल और उसके जवाब भी पूछे जाते हैं। सवाल और जबाव बच्चों के बीच होने से एक दूसरे का भी ज्ञान बढ़ता है। साथ ही विषय से जुड़ी बातों पर भी बच्चों के साथ चर्चा होती है। विभिन्न तरह की गतिविधियों से बच्चों की बेहतर उपस्थिति भी हो रही है। कक्षा एक से आठवीं तक में 90 करीब बच्चे नामांकित हैं।