*आखिर तेंदु पत्ता में हो गया खेल*
*पकड़ा पुलिस ने सौंप दिया वन विभाग को दबंग अपने साजिश में सफल*
*सोनभद्र*/संतेश्वर सिंह/जितेंदर तिवारी
सोनभद्र रविवार की शाम मांची थाना क्षेत्र के चरगडा गांव में स्थित पंचायत भवन व सामुदायिक भवन में चोरी का तेंदू पत्ता एक वाहन पर लादे जाने की सूचना प्रकाश में आई थी देर शाम जब इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक के मोबाइल फोन पर दी गई तो सक्रिय होते हुए पुलिस ने देर रात सूअर सोत के पास तेदु पत्ता लदे वाहन को बरामद कर लिया लेकिन सोमवार सुबह इसमें लूट करने वाले लोगों ने खेल कर दिया मामला थाने पर दर्ज न कराकर वन विभाग को सौंप दिया गया ताकि भ्रष्ट लोगों को बचाया जा सके वन विभाग सिर्फ पकड़े गए वाहन के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कर जुर्माना लेने के बाद वाहन को छोड़ देगा इस स्थिति में इस खेल में शामिल असली चेहरे पर्दे के पीछे ही रह जाएंगे। क्षेत्र के लोगों ने नाम ना बताने की शर्त पर कहां है कि मामले की जांच पुलिस अधीक्षक कार्यालय से होनी चाहिए जिसमें असली अपराधियों का चेहरा बेनकाब हो सके लोगों का कहना है कि इस मामले में राष्ट्र विरोधी ताकतें धन इकट्ठा करके देश के खिलाफ साजिश रच रही हैं
मांची थाना क्षेत्र के चरगड़ा गांव के सामुदायिक भवन व पंचायत भवन में रविवार की देर शाम चोरी का तेंदू पत्ता एक वाहन पर लादे जाने की सूचना प्राप्त हुई इस सूचना पर पुलिस सक्रिय हुई। रात 11:00 के आसपास पुलिस ने तेंदू पता लदे वाहन को हिरासत में ले लिया। इस मामले में जब मांची थाना अध्यक्ष से बात हुई तो उन्होंने बताया कि मामला बन विभाग को सुपुर्द कर दिया गया है। जब वन विभाग के संबंधित दरोगा विनोद यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले की विवेचना की जा रही है गाड़ी हमारे कब्जे में आ गई है
अब सवाल खड़ा होता है कि जब गाड़ी पुलिस ने पकड़ी तो फिर वन विभाग को सुपुर्द क्यों किया गया यदि पुलिस यह कहेगी की कि मामला वन विभाग का है तो फिर आबकारी का मामला पुलिस क्यों अपने संज्ञान में लेती है क्यों प्राथमिकी दर्ज करती है क्यों जेल भेजती है
क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इस मामले में चरगडा गांव के कुछ ऐसे लोगों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है जो राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं जिनकी पूरी जमात वर्तमान समय में सरकार के खिलाफ हो चुकी है यदि सोनभद्र प्रशासन इस मामले को गंभीरता से नहीं लेता है तो कुछ लोग भूख हड़ताल व आंदोलन कर सकते हैं
इस मामले में ग्राम प्रधान व पंचायत सहायक को बचाने का प्रयास किया जा रहा है कारण की पत्ता पंचायत भवन में रखा हुआ था। यह भवन प्रधान के अधीन है।
वहीं दूसरी तरफ बन निगम के कर्मचारी व ठेकेदार भी दोषी हैं।