भले ही सांगली मिरज और कुपवाड नगर निगम की स्थापना हुए कई साल हो गए हैं, लेकिन नागरिकों को अभी भी नगर निगम से छोटी-छोटी चीजों के लिए संघर्ष करना पड़ता है। हम सभी अपने दैनिक जीवन में प्रतिदिन अपने घर से कूड़ा-कचरा निकालकर बाहर रख देते हैं, नगर निगम की घंटा गाड़ी के इंतजार में बैठे रहते हैं, जो समय पर नहीं आती है, फिर कूड़ा-कचरा घंटा गाड़ी में भर दिया जाता है। मिराज के कई वार्ड में घंटा गाडीयो की अनियमितता की तस्वीर आज भी मौजूद है.लेकिन जहां घंटा गाडी हमेशा समय पर पहुंचती हैं, वहां भी नागरिकों का उपद्रव कम नहीं हुआ है। मिरज के ब्राह्मणपुरी क्षेत्र के भर वस्ती में भारतीय स्टेट बैंक शाखा के सामने नागरिक दिनदहाड़े सड़क पर कूड़ा फेंक देते हैं। इस स्थान पर घंटा घड़ी का अस्तित्व आए दिन देखने को मिलता है। लेकिन नागरिकों के इस उपद्रव के सामने प्रशासन ने भी तंग आकर हाथ जोडे है । मिरजे के विस्तारित क्षेत्र में रमा उद्यान और साईं नंदन कॉलोनी और अन्य जगह उच्च श्रेणी के क्षेत्रों के रूप में जाना जाता है, लेकिन घंटा गाड़ी सप्ताह में केवल दो से तीन बार ही अपनी उपस्थिति दिखाती है।जब हमारे प्रतिनिधि ने यहां के कुछ नागरिकों से संपर्क किया तो उन्होंने नाराजगी के स्वर में अपनी नाराजगी इन शब्दों में व्यक्त की, ‘समय पर नगर निगम के हर प्रकार के टैक्स देने के बाद भी अगर हमें सुख-सुविधाएं नहीं मिलतीं तो नगर पालिका किसी काम की नहीं है।’ आज नगर निगम ने ठोस कचरा प्रबंधन परियोजना का खूब ढिंढोरा पीटा है. ठोस कचरा परियोजना प्रमुख डॉ. रवीन्द्र ताटे जी का भी निवास इसी रमा उद्यान क्षेत्र में है, लेकिन वे घंटा गाड़ी के बारे में बात करने को तैयार नहीं हैं.