पानागढ़ रेलवे टिकट काउंटर के पास रास्ते का निर्माण कार्य डीआरएम के आदेश पर हुआ शुरू यात्रियों में खुशी
आसनसोल रेल मंडल के तहत पानागढ़ रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर के पास रास्ते की बेहाल अवस्था और जल जमाव को लेकर गत सात जुलाई को एक न्यूज प्रकाशित किया गया था। इस खबर के बाद तत्काल आसनसोल डीआरएम चेतना नंद सिंह ने त्वरित कार्यवाही करते हुए उक्त रास्ते के निर्माण कार्य का निर्देश दिया। बताया जाता है की इस खबर को देख डीआरएम के आदेश के बाद पानागढ़ रेलवे स्टेशन टिकट काउंटर और आरपीएफ थाना जाने वाले इस महत्वपूर्ण रास्ते का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। इस रास्ते के निर्माण कार्य को देख यात्रियों और स्थानीय लोगों में काफी खुशी है। यात्रियों ने कहा की वास्तव में आसानसोल डीआरएम ने वर्षो की इस समस्या से निजात यात्रियों को दिलाया है। इस रास्ते के बन जाने से यात्रियों के साथ कई स्कूल के छात्र छात्राओं, सरकारी कर्मचारियों और रेलवे कर्मचारियों के बैंक अथवा रेलवे कर्मचारियों के बच्चों के स्कूल आदि जाने में बरसात के समय काफी मुस्किलों का सामना करना पड़ता था लेकिन अब इस रास्ते के पक्की करण होने से काफी राहत लोगों और यात्रियों को मिलेगा। ट्रेन यात्री सुधांशु राय ने कहा की इस समस्या के समाधान होने से यात्रियों के साथ स्थानीय लोगों को भी राहत मिलेगी। रेल सूत्रों के अनुसार पानागढ़ रेलवे टिकट काउंटर से इस रास्ता को कैनल पाड होते हुए 102 नंबर रेल फाटक तक ले जाया जाएगा। इससे स्थानीय लोगों को भी राहत मिली है। यह रास्ता आठ फुट चौड़ा होगा। यह पूरी तरह ढलाई रास्ता होगा। इस रास्ते के निर्माण होने से अब 102 नंबर रेल फाटक इलाके के रनडीहा मोड़, विश्व कर्मा मंदिर और हनुमान मंदिर आदि इलाके के लोगों को रेलवे स्टेशन आने जाने में काफी सहुलित हो जाएगी। लेकिन सड़क के बनने के बाद यहां एक समस्या जो उत्पन्न हो रही है वह है नहर के एक साइड में असुरक्षा यदि रेल प्रशासन नहर वाली साइड में भी किसी तरह का घेरा बंदी और विद्युत व्यवस्था कर दे तो रात में उक्त रास्ते से आवागमन करने में किसी तरह का कोई खतरा नहीं रहेगा। चूंकि जो रास्ता बन रहा है उक्त रास्ते का नहर वाला साइड खुला हुआ है। इससे हर समय दुर्घटना और खतरा आवागमन करने वालों के लिए बना रहेगा। स्थानीय निवासी और अधिवक्ता शंभू चौधरी का कहना है की रेल प्रशासन और विशेष कर डीआरएम सर के द्वारा इस रास्ते का निर्माण कार्य शुरू होने से यात्रियों के साथ स्थानीय लोगों को काफी राहत मिली है। लेकिन नहर के साइड में भी यदि रेल प्रशासन घेरा बंदी और विद्युत की व्यवस्था कर दे तो उक्त रास्ते से रात में भी आवागमन करने वालों को कोई जोखिम नहीं उठाना पड़ेगा।