श्रावस्ती ब्यूरो रिपोर्ट फरमान वेग
श्रावस्ती: निवर्तमान सांसद राम शिरोमणि वर्मा ने दल बदलने के बाद भी एक बार फिर श्रावस्ती लोकसभा सीट पर जीत का ताज अपने सिर पर सजा लिया है। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी साकेत मिश्रा को 76673 वोटों से शिकस्त दी है।
बताते चलें कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा का गठबंधन था ।श्रावस्ती लोकसभा सीट पर गठबंधन के तहत राम शिरोमणि वर्मा को बसपा से उम्मीदवार बनाया गया था ।कांटे के मुकाबले में राम शिरोमणि वर्मा ने भाजपा प्रत्याशी दद्दन मिश्रा को 5320 वोटों से पराजित कर यह सीट बसपा की झोली में डाल दी थी ।विपक्ष में रहने के बाद भी वह क्षेत्र में अपनों के दुख दर्द में शामिल होते रहे। वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव के पहले बसपा ने उन्हें पार्टी से निकाल दिया। हाथी से उतरकर उन्होंने साइकिल की सवारी कर ली।
इंडिया गठबंधन के तहत सपा ने उन्हें फिर से श्रावस्ती लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया ।भाजपा प्रत्याशी साकेत मिश्रा से चुनाव लड़ते हुए राम शिरोमणि वर्मा ने एक बार फिर श्रावस्ती लोकसभा सीट पर जीत का परचम लहरा दिया। क्षेत्र में भाजपा धार्मिक ध्रुवीकरण के भरोसे रही वही राम शिरोमणि ने जातीय समीकरण पर विशेष ध्यान देते हुए क्षेत्र में पीडीए का फार्मूला लागू किया ।इस फार्मूले का नतीजा यह रहा की मंगलवार को हुई मतगणना के दौरान राम शिरोमणि ने पहले चक्र से ही बढ़त बनाना शुरू कर दिया। यह बढ़त क्षेत्र की पांचो विधानसभा में अंत तक जारी रही।
भिनगा ,श्रावस्ती, तुलसीपुर तथा गैंसड़ी में राम शिरोमणि ने भरपूर मत हासिल किया। बलरामपुर सदर विधानसभा में वह मामूली वोटो से आगे पीछे होते रहे ।बढ़त का नतीजा यह रहा की मतगणना खत्म होने पर उन्होंने भाजपा प्रत्याशी साकेत मिश्रा को 76673 वोटों से पराजित कर दिया। चुनाव में राम शिरोमणि वर्मा को 511055 मत मिले वही भाजपा प्रत्याशी साकेत मिश्रा 434382 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे ।यहां से लोकसभा चुनाव लड़ रहे बसपा प्रत्याशी हाजी दद्दन खान अपनी जमानत नहीं बचा सके ।चुनाव में उन्हें मात्र 56225 वोट से संतोष करना पड़ा
।चुनाव जीतने के बाद सपा प्रत्याशी ने कहा कि पिछले 5 साल के कार्यकाल में क्षेत्र के विकास के जो काम अधूरे रह गए हैं उन कामों को पूरा करने के लिए मैं क्षेत्र से लेकर संसद तक हर संभव संघर्ष करेंगे। आपसी भाईचारा, धार्मिक वैमनस्य दूर करने का हर संभव प्रयास करेंगे।