न्यूज रिपोर्टर मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
शरीर के संतुलन के लिए करें वृक्षासन जानिए योग एक्सपर्ट ओम कालवा के साथ ।
श्री डूंगरगढ़। कस्बे की ओम योग सेवा संस्था के डायरेक्टर योगाचार्य ओम प्रकाश कालवा ने जानकारी देते हुए बताया कि संतुलन जीवन में बहुत ही जरूरी है चाहे शरीर का हो, मन का हो, वाणी का हो या आहार का हो। खड़े होकर किए जाने वाले आसनों में वृक्षासन संतुलन के लिए बहुत ही शानदार आसन है।
अर्थ
👉वृक्षासन दो शब्दों से मिलकर बना है। वृक्ष अर्थात पेड़ और आसन अर्थात मुद्रा- वृक्ष की मुद्रा में खड़ा रहना वृक्षासन कहलाता है। इस योग को ध्यान योग भी कहा जाता है।
तरीका
👉वृक्षासन के अभ्यास के लिए सीधे खड़े हो जाएं।अब दाहिने घुटने को मोड़कर दाएं पैर को बाईं जांघ पर रखें।बाएं पैर को सीधा रखते हुए शरीर का संतुलन बनाएं।हाथों को सिर के ऊपर उठाएं और हथेलियों को एक साथ मिलाकर नमस्ते मुद्रा में लाएं।
लाभ
👉वृक्षासन का अभ्यास करने से पैर, टखनों, जांघों, पिंडलियों और घुटनों की मांसपेशियां मजबूत होती है। यह योगासन रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाने में मदद कर सकता है। अगर आप इस योगासन का नियमित अभ्यास करेंगे, तो इससे पैरों में संतुलन और स्थिरता में सुधार होगा।
सावधानियां
👉यदि आपको हाल ही में पैर, घुटने या पीठ में चोट लगी है, तो इस आसन को करने से बचें। प्रारंभिक अवस्था में अपने पैर को घुटने के ऊपर रखना कठिन हो सकता है, इसलिए इसे घुटने के नीचे रखा जा सकता है। लेकिन इसे कभी भी घुटने पर न रखें क्योंकि तब सारा दबाव घुटने की ओर केंद्रित होगा।
नोट :
👉योग का अभ्यास अनुभवी योग शिक्षक की देखरेख में ही करना चाहिए।
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