अंकुर कुमार पाण्डेय
रिपोर्ट सत्यार्थ न्यूज वाराणसी
वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर, काल भैरव, गंगा आरती, गर्मी में मंदिरों में संध्या आरती का समय बदला, आधे घंटे की देरी से हो रही आरती
वाराणसी। काशी के मंदिरों में गर्मी में आधे घंटे की देरी से संध्या आरती की जा रही है। गर्मी के तेवर को देखते हुए संध्या आरती का समय बढ़ा दिया गया है। खासतौर से केदारखंड, विश्वेश्वरखंड और ओंकारखंड के मंदिरों में संध्या आरती आधे घंटे की देरी से हो रही है। वहीं गंगा आरती का समय भी एक घंटे बढ़ा दिया गया है। काशीवासियों के दिन की शुरूआत काशीपुराधिपति की मंगला आरती से होती है। बाबा की मंगला आरती से पहले ढुंढिराज गणेश और भगवान विष्णु की पूजा होती है। इसके बाद सभी मंदिरों में आरती की शुरूआत होती है। शाम को होने वाली आरती का समय सूर्यास्त से निर्धारित होता है। सर्दी के मौसम में गंगा घाट पर होने वाली आरती का समय 5.30 बजे होता है, लेकिन गर्मी में सात बजे होती है।
काशी कोतवाल बाबा कालभैरव की संध्या आरती पहले 7.30 बजे हो रही थी, अब गर्मियों में इसका समय आठ बजे हो गया है। दुर्गाकुंड क्षेत्र में सबसे पहले शाम को दुर्ग विनायक की आरती उतारी जाती है। आरती का समय शाम को 6.30 बजे निर्धारित है जो अब सात बजे हो गया है। दुर्गाकुंड मंदिर की आरती का समय 7.30 बजे था, जो अब आठ बजे हो रही है। बनकटी हनुमान जी के मंदिर में आरती का समय सात बजे की बजाय 7.30 बजे हो गया है। दुर्ग विनायक मंदिर के महंत पं. तारकेश्वर दुबे ने बताया कि दुर्गाकुंड क्षेत्र के सभी छोटे बड़े मंदिरों में रात नौ बजे आरती के साथ भोग लगाया जाता है। त्रिलोचन महादेव, काशी करवत, उपशांतेश्वर, मंगला गौरी आदि मंदिर में आरती का समय बढ़ा दिया गया है।