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प्रत्येक सनातनियों के यहां शास्त्र के साथ शस्त्र भी होना चाहिए – गोविन्द जाने

प्रत्येक सनातनियों के यहां शास्त्र के साथ शस्त्र भी होना चाहिए – गोविन्द जाने

ग्राम फुलेन मे श्रीराम कथा के तृतीय दिवस उमड़ा जनसेलाब, आज श्रीराम जन्मोत्सव

सुनील वर्मा ब्यूरो चीफ अकोदिया मध्य प्रदेश

अकोदिया। श्रीराम कथा सुनने के साथ उसके पात्र के पद पर चलना चाहिए। बुराई का बदला भलाई से चूका दे वह खानदानी है। मानव के मन से दुर्भावना को निकालने का विचार पैदा करने का कार्य श्रीराम चरित मानस करती है। ज़ब तक मनुष्य के मन से ओछी मानसिकता नहीं निकलेगी तब तक प्रभु दर्शन का योग नहीं बन सकता। बेदाग जीवन रहेगा तभी परमात्मा प्रसन्न होंगे। ग्रहस्थ जीवन मे रहकर कुदृष्टि से देखने, चरित्रहिनता, गलत नजर और गलत खानपान का लगने वाला दाग कभी नहीं धुल सकता। उक्त उदगार ग्राम फुलेन मे श्रीराम दरबार प्राण प्रतिष्ठा व श्री विष्णु महायज्ञ के अंतर्गत चल रही सात दिवसीय श्रीराम कथा के तृतीय दिवस कथावाचक पंडित विनोद नागर गोविन्द जाने ने व्यक्त किए।

दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक आयोजित कथा मे बड़ी संख्या मे उपस्थित भक्तो को कथा का रसपान कराते हुए गोविन्द जाने ने कहा कि भारत की मिट्टी वेकुंठ की मिट्टी से भी बड़ी है। इसका उदाहरण स्वयं ठाकुर जी ने दिया है। बच्चो मे आध्यात्म, सदाचार, सदभावना का निर्माण नहीं किया तो आप पूर्ण रूप से माता पिता का फर्ज नहीं निभा रहे। छोटी उम्र मे बच्चो को सुंदरकांड नहीं सुनाया, नवग्रह, कुल देवता, कुलदेवी, खेडापति का मार्गदर्शन नही किया तो माता पिता अपने बच्चो की नीव कमजोर कर रहै है। कथावाचक गोविन्द जाने ने उपस्थित श्रद्धालुओं को एक मिनिट के लिए सबरी बनवा कर बेर का भोग लगवा कर अपने अपने शत्रु से राम राम करने का संकल्प दिलाया। पंडित नागर ने कहा कि व्यक्ति के अंतर्मन से बेर हटेगा और प्रेम जगेगा तभी प्रभु से मिलन होगा। बेईमानी, बेर,लोभ, क्रोध को छोड़ दो नियत को गंगा की भागीरथी बना लो।

कथावाचक गोविन्द जाने ने कहा कि कभी कभी घर के आँगन मे और खेत की मेऱ पर सतसंग होना चाहिए। ईश्वर ही सत्य है बाकि सब असत्य है। जिनके घर मे खान पान शुद्ध हो जिस घर मे बुजुर्ग मुस्कुराते है वह घर नहीं स्वर्ग है। जिस घर मे बुजुर्ग की राय चलती है उस घर मे भगवान जन्म लेने के लिए तरसता है। कथावाचक ने कहा कि सबकी जानकारी रखने वाले व्यक्ति को निजधर्म की जानकारी नहीं है तो जीवन खोखला है। कमाई का कुछ अंश धार्मिक व सामाजिक क्षेत्र मे लगेगा तो पुण्य की पूंजी बढ़ जाएगी।

गोविन्द जाने ने कहा कि हिन्दू समाज का बिखराव ही हिंदू धर्म के लिए घातक है। प्रत्येक गांव मे पनघट, मंदिर, शमशान हिंदुओं का एक होना आवश्यक है तभी जातिवाद खत्म होगा। हिन्दू समाज को एक होना होगा क्योंकि पहलगाम मे आतंकवादीयों द्वारा धर्म पूछ कर गोली मारी गई। अधर्मी लोग आज से नहीं आदि कल से है जो सनातन धर्म के संतों,महात्माओं,धार्मिक आयोजनों, यज्ञ,सत्संग,कथा से विरोध करते आए ऐसे को मिटाने के लिए भगवान खुद धरती पर आए। कलयुग में धर्म से हटकर जीवन मत जियो। श्री नागर ने कहा कि भगवान श्री राम के हाथ में धनुष बाण है,भगवान श्री कृष्ण के हाथ में सुदर्शन चक्र है, भगवान श्री भोलेनाथ के हाथ में त्रिशूल है, मां भगवती दुर्गा के हाथ में तलवार है धर्म विरोधी ताकते शुरू से चली आ रही है इसको कुचलने के लिए प्रत्येक सनातनी को मोबाइल के साथ साथ हर घर हथियार भी रखना चाहिए क्योकि अधर्मी लोगों की भावना को मिटाने के लिए शस्त्र और शास्त्र दोनों जरूरी है।

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