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लैंड रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ कर पटवारी हड़पना चाहता था किसान की बेशकीमती जमीन

लैंड रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ कर पटवारी हड़पना चाहता था किसान की बेशकीमती जमीन

पीड़ित किसान न्याय के लिए खा रहा सरकारी दफ्तरों में दर दर की ठोकरें

सत्यार्थ न्यूज लाइफ से
मनोज कुमार माली सोयत कला नगर से

सुसनेर नगर वैसे तो पटवारियों द्वारा किसानों से ठगी के मामले तो आपने बहुत सुने और देखे होंगे लेकिन हम आपको सुसनेर क्षेत्र के ऐसे पटवारी के बारे में बताने जा रहे है जिसने किसानों के साथ तो धोखाधडी की ही है जिसके साथ ही सरकारी ऑफिशियल साइड लैंड रिकॉर्ड के साथ भी छेड़ छानी की है जिसमें किसान की बिना सहमति से सरकार के नियमों को ताक पर रख कर किसानों की जमीन के खसरा, ख़नौटी और पावती बनाने की अधिकृत साइड के साथ छेड़छाड़ कर जमीन को इधर से उधर कीया है जिसमें किसान की करोड़ों की जमीन को पटवारी द्वारा वर्ष 2010–11 में अपनी पत्नी के नाम कर दिया इसका पता किसान की जब लगा जब किसान क्रैडिट कार्ड निकलाने के लिए बैंक में संपर्क किया तो बैंक के माध्यम से किसान को पता चला कि उसके सर्वे नंबर पर पटवारी रातडिया की पत्नी का नाम बता रहा है जिसके बाद पीड़ित किसान द्वारा पटवारी से मिलकर इस मामले के बारे में बताया तो पटवारी ने किसान से कहा कि ये मिस्टेक कंप्यूटर की वजह से हो गई होगी कल तहसील में जा कर सही खसरा, बी. वन, डायरी निकला लेना में इसे संशोधन करवा दूंगा किसान द्वारा सुबह तहसील से खसरा, बी.वन, डायरी के लिए आवेदन किया तो उसमें किसान अमरलाल का रकबा 1.39 दर्ज था जबकि सितंबर 2010 से 31 मार्च 2011 तक सर्वे नंबर 619 पर किसान के नाम कोई रकबा नहीं बचा था जबकि किसान का कहना है कि मगरिया हल्के में पदस्थ तत्कालीन पटवारी रामगोपाल रातडिया द्वारा शासकीय खसरे में काट–छांट कर फर्जी नवीन खसरा सर्वे नंबर में 619 में मेरा नाम, रकबा अंकित किया गया था जो कुछ समय के लिए मुझे समझाने के उद्देश्य से बनाया गया था।

एक अपराध को छुपाने पटवारी ने किया एक ओर अपराध

पटवारी के द्वारा विक्रय पत्र में परिवर्तन किए सर्वे नंबर 505/1 की जगह सर्वे नंबर 619 के अपराध को छुपाने के लिए अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुवे एक ओर नया अपराध किया गया था जिसमें पटवारी द्वारा फर्जी खसरा, बी बन एवं भू पुस्तिका बनाकर रकबे व नामों में काट– छाट कर कुछ समय के लिए उस खसरे को शासकीय रिकार्ड में अंकित कर किसान और शासन दोनों के साथ धोखा धडी की गई है जिसमें इंसाफ के लिए पीड़ित किसान आज भी सरकारी दफ्तरों में दर दर भटक रहा है किसान का कहना है कि 5 आवेदन जिला कलेक्टर महोदय को जन सुनवाई में दे दिए है फिर भी पटवारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।

पटवारी के खिलाफ कई शिकायतें एफआईआर, जमानत पर है बाहर
रातड़िया पटवारी का कामकाज काफी विवादित रहा है अभी वह जमानत पर बाहर है साल 2016 के सितंबर में आगर थाने में उनके खिलाफ धोखाधडी सहित अन्य मामलों में एफआईआर दर्ज हुई थी जिसके बाद तीन दिसंबर 2023 को भी नलखेड़ा थाने में उनके विरुद्ध धोखाधडी सहित फर्जी कागज बनाने का केस दर्ज किया था रातडिया पटवारी का कार्यकाल बहुत विवादित ओर भ्रष्ट रहा है ऐसे पटवारी के खिलाफ प्रशाशन उदासीन क्यों नजर आ रही है या पटवारी को बचाने में लगे है शासकीय अधिकारी।

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