!! माँ कौशल्या और प्रभु “श्री राम” !!
नौमी तिथि मधु मास पुनीता ।
सुकल पच्छ अभिजित हरिप्रीता॥
मध्यदिवस अति सीत न घामा ।
पावन काल लोक बिश्रामा ॥
चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमीं तिथि के दिन जब माता कौशल्या जी अपने कक्ष में बैठ कर भगवान श्री हरि विष्णु जी का ध्यान कर रहीं थीं, तभी भगवान श्री हरि विष्णु चतुर्भुज रूप में उनके सामने प्रकट हुए।
सदा की भांति मंद – मंद मुस्कुराते हुए भगवान विष्णु ने माता कौशल्या जी से कहा –
“आप और आपके पति ने पिछले जन्म में तपस्या की थी। आप दोनों की इच्छा पूरी करते हुए मैंने वरदान दिया था कि अगले जन्म में मैं आपके घर पुत्र बनकर आऊँगा। अपना वचन निभाते हुए मैं आ गया हूँ।”
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Download File: https://satyarath.com/wp-content/uploads/2025/04/WhatsApp-Video-2025-04-06-at-11.06.34.mp4?_=1माता कौशल्या जी ने भगवान से कहा – “मैंने तो सुना था कि भगवान हमेशा सत्य बोलते हैं लेकिन आज जाना कि भगवान झूठ भी बोलते हैं।”
भगवान श्री हरि विष्णु ने आश्चर्य जताया, कहा मां “मैंने आपसे क्या झूठ बोला… ?”
माता कौशल्या जी ने बड़ा ही मधुर जवाब दिया, “आपने तो कहा था कि, आप मेरे घर पुत्र के रूप में आयेंगे। लेकिन ये जो चतुर्भुज रूप लेकर आये हैं ये क्या पुत्र का रूप है… ?
ये तो परमपिता का रूप है। मतलब कि आप झूठे हैं।”
भगवान श्री हरि विष्णु को बड़ा ही आनन्द आया। वो समझ गये कि माता कौशल्या जी क्या चाहती हैं। वो तुरन्त शिशु रूप धारण कर माता कौशल्या जी की गोद में बैठ गये, और हमेशा की तरह मुस्कुराते हुए कौशल्या का आनन्द बढ़ाने लगे।
तभी कौशल्या ने कहा, “मैंने तो सुना था कि भगवान को हर चीज का ज्ञान होता है लेकिन आज जाना कि भगवान बिल्कुल अज्ञानी होते हैं।”
भगवान श्री हरि विष्णु ने पुनः पूछा, “मां ये आप कैसे कह सकती हो ?”
माता कौशल्या जी बोलीं, “आप इस समय मुस्कुरा रहे हैं। इसी से पता चलता है कि आपको इतना भी ज्ञान नहीं कि बच्चा जब जन्म लेता है तो हंसता नहीं, बल्कि रोता है।”
भगवान ने जान लिया कि माता क्या चाहती हैं और वो तुरन्त रो पड़े।
त्रेतायुग में जब मेरे प्रभु श्रीराम प्रकट हुए थे, तो अवध (अयोध्या धाम) में एक महीने तक सूर्य अस्त नहीं हुआ था। प्रभु को देखकर सूर्यदेव ने अपनी गति ही भूल बैठे थे।
आज हमारे कलियुग में पुनः मेरे आराध्य प्रभु श्री राम जी जन्म ले रहे हैं, और वही सूर्यदेव उस दिन के पुनः साक्षी बनकर उनका तिलक कर रहे हैं।
हे नाथ! हे मेरे नाथ!! हे नाथों के नाथ !!! मैं आपको कभी, किसी छड़ भूलूँ नहीं!!!
जय रघुनंदन – जय सियाराम!!
(राम जन्मोत्सव एवं चैत्र रामनवमी पर विशेष प्रस्तुति)
आप सभी को श्री राम जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई…
सत्यार्थ वेब न्यूज
शिवरतन कुमार गुप्ता “राज़”
महराजगंज 06/04/025