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वन सुरक्षा में शहीद हुए राजस्थान राज्य के दिवंगत रेंजर किशोर साहब की शहादत में निकाला गया कैंडल मार्च

वन सुरक्षा में शहीद हुए राजस्थान राज्य के दिवंगत रेंजर किशोर साहब की शहादत में निकाला गया कैंडल मार्च

दिनांक 24/02/2025 को रेत माफियाओं ने ट्रेक्टर से कुचलकर की थी निर्मम हत्या

मध्य प्रदेश रेंजर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष के आह्वान पर पूरेमध्य प्रदेश किया जा रहा कैंडल मार्च और श्रद्धांजलि कार्यक्रम

टीकमगढ़ जिले के शासकीय सेवकों के सभी संगठन के पदाधिकारी कैंडल मार्च में सेकड़ो की संख्या में रहे उपस्थित
कविन्द पटैरिया पत्रकार

विदित हो कि विगत कुछ वर्षों से मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देश के दूसरे राज्यों में वन सुरक्षा में तैनात क्षेत्रीय वन अमले (वन रक्षक से लेकर रेंजर्स) की वन माफियाओं और रेत माफियाओं द्वारा निर्मम हत्याएं करना लगातार बढ़ता जा रहा है।
जिसका जीता जागता उदाहरण राजस्थान राज्य का है जहां पर दिनांक 24/02/2025 को सोमवार की सुबह कुछ वन माफिया जो राजस्थान राज्य के राजसमंद वनमण्डल की बीतागुड़ा रेंज के वन क्षेत्र में संगठित होकर अवैध रेत का उत्खनन और परिवहन कर रहे थे, जिसकी रोकथाम के लिए बीतागुड़ा रेंज के बैच 2022 के रेंज ऑफिसर श्री किशोर कुमार साहब अपने वनरक्षक के साथ मौके पर रवाना हुए वैसे ही घात लगाए बैठे वन माफियाओं के द्वारा मौके पर ही रेंजर साहब के शरीर पर रेत की ट्रॉली से भरा ट्रैक्टर चलाकर रौंद दिया जिनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई और साथी वनरक्षक गंभीर रूप से घायल हो गया जिसको तत्काल जोधपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
घटना को अंजाम देकर वन माफिया फरार हो गए।


रेंजर साहब की हत्या वन सुरक्षा के दौरान वन माफियाओं द्वारा की गई जिसके कारण संपूर्ण देश के वन अमले में रोष व्याप्त है।
वन सुरक्षा में शहीद हुए रेंज ऑफिसर श्री किशोर कुमार साहब की वन सुरक्षा में शहादत के लिए उनको भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मध्य प्रदेश रेंजर्स एसोसिएशन की तरफ से अन्य संगठनों के सहयोग से कैंडल मार्च और श्रद्धांजलि का आयोजन किया गया।
जिसके दौरान हजारों की संख्या में वन विभाग के शासकीय सेवक और दूसरे संगठनों के सैकड़ों शासकीय सेवक और पदाधिकारी उपस्थित हुए जिनके द्वारा सर्वप्रथम उपवनमंडल कार्यालय टीकमगढ़ से रेंज ऑफिस अंबेडकर चौराहा तक शांति पूर्वक विधिवत निर्धारित गणवेश (वर्दी) में शांति पूर्वक कैंडल मार्च किया गया उसके बाद अम्बेडकर साहब की प्रतिमा के पास सामूहिक रूप से पुष्प अर्पित करते हुए भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
उक्त श्रद्धांजलि एवं कैंडल मार्च में टीकमगढ़ जिले समाजसेवी और टीकमगढ़ के संपूर्ण वन अमले के साथ अन्य संगठनों के पदाधिकारी के रूप में वन कर्मचारी संगठन जिला अध्यक्ष राजेश विक्रम सिंह,कांग्रेस कर्मचारी संगठन जिला अध्यक्ष सुखदेव मिश्रा,आजाद अध्यापक संघ जिला अध्यक्ष बृजेंद्र भदौरिया, तृतीय लिपिक कर्मचारी संघ जिला अध्यक्ष जैकी जैन, शिक्षक संघ जिला अध्यक्ष मधुकर उपाध्याय,


अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जिला अध्यक्ष महेश अहिरवार,
वन कर्मचारी सुधार संगठन जिला अध्यक्ष घनेंद्र प्रताप खरे
एवं रेंजर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष शिशुपाल अहिरवार के साथ साथ ओरछा, निवाड़ी, ओरछा अभ्यारण, बलदेवगढ़, टीकमगढ़ और जतारा रेंज के समस्त वन कर्मचारी उपस्थित रहे।
श्रद्धांजलि एवं कैंडल मार्च की समाप्ति उपरांत एम.पी.रेंजर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष शिशुपाल अहिरवार के द्वारा संपूर्ण भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं घटित न होने को लेकर एवं मध्यप्रदेश के वन कर्मचारियों और मध्य प्रदेश के रेंजर्स की समस्याओं और लंबित मांगों के निराकरण और बंदूक चालन के संबंध में प्रेस वार्ता की गई ।
जिसमें उनके द्वारा बताया गया कि वन विभाग का अग्रिम पंक्ति का वर्दीधारी वन अमला वनरक्षक से लेकर रेंजर्स तक संपूर्ण वर्दीधारी वन अमला रात दिन एवं चौबीस घंटे अपने घर परिवार से दूर न्यूनतम वेतन पर वन सुरक्षा का कार्य करने पर मजबूर और विवश है जिनके ग्रेड पे एवं वेतनमान को बढ़ाए जाने (रेंजर का ग्रेड पे 4200, डिप्टी रेंजर का ग्रेड पे 3600, वनपाल का ग्रेड पे 2800और वनरक्षक का ग्रेड पे 2400 भर्ती दिनांक से ) के लिए वर्ष 2005 से संघर्षरत हैं जिसके लिए मध्य प्रदेश शासन ने वर्ष 2018 में हड़ताल समाप्त करने के लिए लिखित में आश्वासन देने के वादे के बावजूद भी आज तक ग्रेड पे को नहीं बढ़ाया गया जबकि मध्य प्रदेश रेंजर्स एसोसिएशन ने अनेकों बार शासन प्रशासन से लिखित- मौखिक और कई बार मिलकर निवेदन किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई जिसके बाद ग्रेड पे के लिए एसोसिएशन की तरफ से माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में रिट याचिका दायर की गई है।


इसी प्रकार वर्ष 2016 से पदोन्नति नहीं होने पर भी रिट याचिका के वाद शासन के विरुद्ध कंटेंप्ट फाइल किया गया। इसी प्रकार वन विभाग को अस्त्र शस्त्र तो दे दिए लेकिन उनके परिचालन का अधिकार नहीं दिया जिसके कारण अरबों करोड़ों रुपए में खरीदे अस्त्र शस्त्र लटेरी घटना के बाद धूल खा रहे हैं। वन अमले ने अस्त्र शस्त्र के परिचालन के दौरान सीधे तौर पर परिचालन पर हुई घटना उपरांत सीधे प्रकरण पंजीबद्ध और गिरफ्तार न करने की बात शासन के समक्ष लिखित में दी गई जिस पर आज दिनांक तक कोई एसओपी तैयार नहीं की गई। आए दिन वन माफियाओं के द्वारा वन अमले के साथ कोई न कोई घटना कारित कर दी जा रही है फिर भी उनकी सुरक्षा के प्रति शासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

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