संवाददाता राहुल वर्मा
सनातन सांस्कृतिक संघ झांसी से सनातन रक्षा यात्रा 2.0 शुरू हुई।
झांसी। बुंदेलखंड के झांसी से बुधवार को शुरू हुई जिसे व्यापक जन समर्थन प्राप्त हो रहा है। भारत के सामने खड़ी सांस्कृतिक और धार्मिक चुनौतियों से निपटने के लिए एक जन आंदोलन के रूप में, सनातन सांस्कृतिक संघ झांसी से सनातन रक्षा यात्रा 2.0 शुरू हुई।
हरिप्रिया भार्गव के नेतृत्व में आयोजित सनातन रक्षा यात्रा 2.0 का उद्देश्य तीन मुख्य मांगों पर निर्णायक व त्वरित कार्रवाई के लिए एक स्पष्ट आह्वान है। तीन मुख्य मांगों में – बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, देश भर में गोहत्या पर प्रतिबंध और प्रदूषण मुक्त गंगा हैं।
यात्रा का आरंभ झांसी से झंडी दिखाकर किया गया। कानपुर में गंगा आरती तथा सामूहिक मंत्रजाप किया जायेगा।यात्रा लखनऊ पहुंच कर उत्तरप्रदेश की महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को इन मुद्दो पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को संबोधित करते हुए एक ज्ञापन सौंपा जायेगा। यात्रा का एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव अयोध्या है जहां रामलला के दर्शन तथ प्रार्थना का पुण्य प्राप्त किया जायेगा। प्रमुख शहरों से गुज़रकर यात्रा 20 दिसंबर को झांसी लौटेगी।
सनातन सांस्कृतिक संघ की अध्यक्षा हरिप्रिया भार्गव ने यात्रा को मिल रहे जन समर्थन पर उत्साहित होते हुए कहा, “जहां जहां हम जा रहे हैं हमें लोगों का समर्थन मिल रहा है। यात्रा में 50 से अधिक बसों में 3000 से ज्यादा सनातन प्रेमी तथा कार्यकर्ता जुडे़ हैं।
सनातन रक्षा यात्रा 2.0 की तीन प्रमुख मांगें हैं। पहली मांग – बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों की सुरक्षा है। संघ ने बांग्लादेश में हिंदुओं, बौद्धों, जैनियों और सिखों सहित अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों और हिंसा, मंदिरों में तोड़फोड़ और धार्मिक स्थलों को अपवित्र करने की घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। संघ ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि इस मामले में बांग्लादेश की जवाबदेही तय करने और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के वैश्विक मंचों पर इस मुद्दे को उठाए।
हरिप्रिया भार्गव ने एक अपील में कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा से भारत की विरासत और सामाजिक ताने-बाने को भी खतरा पैदा होता है। यह हमारे दरवाजे पर खड़ा एक बड़ा मानवीय संकट है। हम चुप नहीं रह सकते क्योंकि मंदिर गिराये जा रहे हैं, घर जलाए जा रहे हैं और निर्दोष लोगों को मारा जा रहा है। हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि हमारी सामूहिक पहचान को परिभाषित करने वाले मूल्यों को बचाने के लिए त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करे। हम वैश्विक समुदाय से भी कार्रवाई करने की अपील करते हैं ।”
इस यात्रा की दूसरी मांग यह है गोहत्या पर रोक लगाने के लिए सख्त राष्ट्रीय कानून बनाने, गोहत्या या गोमांस के व्यापार में शामिल व्यक्तियों के लिए कठोर दंड और गोरक्षा के लिए राष्ट्रीय निगरानी समिति का गठन हो । तीसरी मांग है- नदियों में इन्डस्ट्रियल वेस्ट डालने पर पूर्ण प्रतिबंध हो, गंगा कार्य योजना का सख्ती से पालन हो तथा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों और व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कदम लिए जायें।
सनातन रक्षा यात्रा 2.0 के आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले सदस्यों में भाई राजेश कुमार, राष्ट्रीय रणनीति समन्वयक, कमल सहगल, संजीव अग्रवाल, लाला, यात्रा संयोजक, राजेंद्र सिंह कुशवाह, राष्ट्रीय सचिव, मनोज जैन, कार्यकारी राष्ट्रीय समन्वयक, डॉ. विश्वकर्मा, जिला समन्वयक, ललितपुर और कमल सहगल, समन्वयक, झांसी प्रतिमा कुलकर्णी, संगीता जोशी, राधा रायकवार, डोली रायकवार, धीरा रायकवार, प्रतिमा ओझा, बबीता ओझा, श्वेता नामदेव, आदर्श शर्मा सहित सैंकडों समर्पित कार्यकर्ता शामिल हैं।
यात्रा को व्यापक जन समर्थन मिलने से हर स्तर पर इन ज्वलंत मुद्दों पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई के लिये मजबूत संदेश जायेगा । संघ ने कसम खाई है की जब तक अंतिम परिणाम नहीं मिल जाते, अपने प्रयासों को जारी रखेगा।
सनातन सांस्कृतिक संघ का मिशन शांति, श्रद्धा और वीरता में निहित है। सामाजिक सद्भाव और आध्यात्मिक उन्नति को बढ़ावा देने के लिए संघ प्रतिबद्ध है। वसुधैव कुटुम्बकम (विश्व एक परिवार है) के दर्शन से प्रेरित इस संस्था का उद्देश्य जाति और सामाजिक बंधनों से परे भारतीय संस्कृति की विविध परंपराओं – वैदिक, जैन, बौद्ध और सिख – को एकजुट करना है।