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बीकानेर-“अनुठा वार्षिकोत्सव” साकार हुई देशभर की संस्कृति, देशप्रेम से ओत-प्रोत प्रस्तुतियों के बीच दिखी बेघर बच्चों की प्रतिभा।

सवांददाता ब्यूरो चीफ रमाकांत झंवर बीकानेर श्रीडूंगरगढ

सत्यार्थ न्यूज श्रीडूंगरगढ- श्रीडूंगरगढ में नवम्बर के पहले रविवार को अनुठा वार्षिकोत्सव देखने को मिला,जिसमें विभिन्न स्कूलों में पढ़ने वाले अलग अलग जिलों,राज्यों के बच्चों ने भारत माता को नमन करते हुए अपनी प्रतिभाओं की प्रस्तुतियां दी। यह वार्षिकोत्सव था कस्बे में सेवाभारती द्वारा संचालित सेवाधाम के प्रथम वार्षिकोत्सव का। सेवाधाम संचालन के 9 वर्षों के दौरान यह पहली बार वार्षिकोत्सव आयोजित किया गया। जिसमें सेवाधाम में आवासित बच्चों को पहली बार मंच पर अपनी प्रतिभाएं दिखाने का अवसर मिला। इस अवसर को सेवाधाम के बालकों एवं बालिकाओं ने अपनी शानदार गायन, नृत्य, अभिनय की प्रस्तुतियों से ऐतिहासिक बना दिया। आयोजन में सेवा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष पन्नालाल भंसाली मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। भंसाली ने कार्यक्रम के दौरान अपना संबोधन देते हुए सेवा भारती द्वारा देश के पिछड़े, वंचित वर्ग की सेवा में सतत रूप से संचालित की जा रही सेवा गतिविधियों का विस्तार से उल्लेख किया एवं समाज के सहयोग से धर्मांतरण रोकने के लिए ऐसे प्रयासों को और अधिक गति देने का आह्वान किया। कार्यक्रम में श्यामसुंदर आर्य,तोलाराम जाखड़,श्रवणराम भामूं,मनोज गुंसाई घनश्याम शर्मा,ओमप्रकाश भूंवाल एडवोकेट रणवीर खिची एडवोकेट सोहननाथ सिद्ध,आशाराम पारीक बजरंगलाल भामूं,जगदीश प्रसाद मूंधड़ा,ओमप्रकाश गांधी गोपालराम जाखड़,भैंरूदान स्वामी सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र के विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता, पदाधिकारी एवं सक्रिय लोगों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का अवलोकन करने सेवा भारती संगठन से भी प्रदेश भर से बड़ी संख्या में पदाधिकारी पहुंचें।

यह रहा आकर्षण।

श्रीडूंगरगढ़। कार्यक्रम के दौरान सेवा धाम में आवासित एवं पहली बार ही मंच,माईक पर अपनी प्रस्तुति देने वाले भविष्य नरेंद्र,देव,माया,आईना,पूजा,संध्या,दुर्गा,अनुराधा,अलिले डिंपल,उपासना,भवानी,दीपू,कुबेर काजुले, हैबामचांगले आदि छोटे-छोटे बच्चों ने प्रभावी मंच संचालन किया एवं सरस्वती वंदना से शुरू कार्यक्रम में स्वागत गान,तेरी मिट्टी में मिल जांवा,चिरमी,लीलण,चंदा मामा डांडिया आदि गीतों पर नृत्य भवतू भारतम,असमीया,भारत माता,नीले घोडे का असवार भाव प्रस्तुति आदि गीतों की प्रस्तुतियां,बांसुरी एवं संगीत वाद्ययंत्रों की सामूहिक प्रस्तुति, शारीरिक क्षमताओं का प्रदर्शन आदि आकर्षण का केन्द्र बने एवं आभार ज्ञापन के बाद कल्याण मंत्र से कार्यक्रम का समापन हुआ। पिछडे वर्ग के इन बच्चों में आए बदलाव एवं उनकी शानदार प्रस्तुतियां देख क्षेत्रवासी मंत्रमुग्ध हो गए।

यूं हुआ विकास।

श्रीडूंगरगढ़। सेवा भारती द्वारा संचालीत सेवा धाम छात्रावास वर्ष 2015 में स्थानीय बेघर, बेसहारा, अनाथ एवं कमजोर वर्ग के ऐसे बच्चों के लिए शुरू किया गया था, जो शिक्षा से दूर होकर भिक्षावृति एवं अपराधों की और अग्रसर होने की संभावना में थे। 2015 में चिडपड़नाथजी की बगीची में शुरू किए गए इस उपक्रम का विकास होने पर इसे बंद पड़ी कन्हैयालाल सिखवाल प्रावि के भवन में संचालित किया गया एवं उसके बाद मघराज मोतीलाल तापडिया सेवाधाम छात्रावास के भवन निर्माण, सावित्रीदेवी जुगलकिशोर मूंधडा सेवा कुंज के भवन निर्माण के साथ बालक एवं बालिकाओं के अलग अलग छात्रावास संचालित किए गए। वर्तमान में इन छात्रावासों में 70 बालक एवं 55 बालिकाएं आवासित है, जिन्हें संस्कारित करने के साथ साथ उनका पोषण एवं शिक्षण किया जा रहा है।


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