दोगुना मुनाफे के चक्कर में नेपाल से भारत आ रही कीवी।
महराजगंज एक तरफ कस्टम,सीमा सुरक्षा बल और जांच एजेंसियां सीमावर्ती क्षेत्रों में तस्करों पर अंकुश लगाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं।तो वहीं तस्कर इनकी आंखों में धूल झोंक अपने मंसूबे में आसानी से सफल हो जा रहे हैं।इन दिनों दो गुने मुनाफे के लालच में,नेपाल से कीवी भारतीय क्षेत्र में लाकर अधिक मुनाफा कमा रहे हैं।
बीते करीब एक सप्ताह में सीमावर्ती क्षेत्रों में चार बार कीवी बरामद हो चुकी है। उसके बाद भी भारत – नेपाल की सीमावर्ती क्षेत्रों के पगडंडियों के रास्ते बड़े पैमाने पर कीवी और अन्य फलों की तस्करी बेखौफ हो रही है।
नेपाल के बांगलूग और दोलखा जिले से कीवी और अन्य फलों को भारत – नेपाल के सीमावर्ती गांव बेलहिया, भैरहवा, नवलपरासी, मर्चवार, झुलनीपुर में स्टोर किया जाता है, फिर मौका हाथ लगते ही सीमा रेखा को पार कर स्टोर किए फलों को भारतीय बाजारों के फल मंडीयों में आसानी से पहुंचा दिया जा रहा है।
सूत्रों की माने तो इन दिनों नेपाल में 10 रुपये में मिलने वाला एक अदद कीवी को भारतीय बाजार में पहुंचने के बाद 30 – 40 रुपये प्रति पीस दाम हो जा रहा है। दोगुना से अधिक मुनाफे के कारण कीवी सहित अन्य फलों की तस्करी भी शुरू हो गई है।
भारतीय क्षेत्र में फलों के दाम आसमान छू रहे हैं। नेपाल में कीवी, संतरा, पत्ता गोभी और फूल गोभी, अदरक, टमाटर के दाम उम्मीद से कहीं ज्यादा कम हैं। नेपाल से इसे अधिक मात्रा में लाकर भारतीय बाजारों के मंडियों में दोगुनी से तिंगुनी कीमत पर बेची जा रही है।
विश्वस्त सूत्रों की माने तो जरूरत मुताबिक कम फल लाने पर किसी प्रकार का कोई शुल्क देय नहीं है, लेकिन अधिक मात्रा में लाने पर कस्टम शुल्क जमा करना पड़ता है।जिसका फायदा तस्कर इन दिनों खूब उठा रहे हैं।
तस्कर इंडो – नेपाल सीमा क्षेत्र के पगडंडियों वाले रास्ते से साइकिल,मोटरसाइकिल या पैदल चलकर,दिनभर फलों की आयात कर मोटी कमाई कर रहे हैं।
मुख्य रास्ते से जरूरत के लिए बता कर कीवी को कई बार लाकर सुरक्षित जगह स्टोर की जाती है। उसके बाद गोरखपुर,आनंदनगर,महराजगंज,परतावल आदि फल मंडीयों में आसानी से पहुंचा दिया जा रहा है। साइकिल कैरियरों,महिलाओं और 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के सहारे नेपाल से कीवी एवं अन्य फलों की तस्करी कराई जा रही है। भारत के मुकाबले नेपाल में फलों के दाम में उम्मीद से काफी अंतर है। नेपाल में फल एवं किचन मसाला के दाम सस्ता होने के कारण इनकी मांग भारत में कहीं ज्यादा है।
स्थानीय सूत्र बताते हैं कि नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में बागलुंग और दोलखा जिले में बड़े पैमाने पर कीवी की खेती होती है। यहां भारत के नर्सरियों से ही पौधों को निर्यात किया जाता है।
अधिक मूल्य पर बिक्री होने के कारण नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों के किसान इसकी अच्छी खासी खेती कर बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं। भारत – नेपाल की खुली सीमा होने के कारण तस्कर खूब फायदा भी उठा रहे हैं। भारत में बढ़ती कीमतों के कारण नेपाल से आने वाली इन फलों की मांग बढ़ी है।
नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों बागलुंग और दोलखा जिले की खेतों से भारतीय बाजारों में कीवी आ रहा हैं। पगडंडियों के रास्ते प्रतिदिन 100 से ज्यादा कैरेट कीवी भारतीय बाजारों में ला कर बेचा जा रहा है। विश्वस्त सूत्रों की माने तो सीमावर्ती बाजार सोनौली, नौतनवां,शेखफरेंदा,कोल्हुई, ठूठीबारी, निचलौल, महराजगंज, आनंदनगर, पीपीगंज, गोरखपुर,पनियरा,सिद्धार्थनगर,खल्लाबाद तथा संतकबीरनगर के बाजारों में आसानी से पहुंचाया जा रहा है। बताया जाता है कि नेपाल में उगने वाली कीवी वहां की जनसंख्या और दूरस्थ पहाड़ी बाजारों के मुताबिक उम्मीद से कहीं ज्यादा सस्ती होती है।
नाम न लिखने की शर्त पर एक फलकारोबारी ने बताया कि नेपाल में कीवी का पैदावार ज्यादा होता है।बागलुंग और दोलखा जिले से कारोबारी 10 रुपये पीस पर खरीदारी करते हैं। जिसे भारतीय बाजारों में 30 से 40 रुपये में बड़ी आसानी से फुटकर बेच दिया जाता है।
सत्यार्थ वेब न्यूज
महराजगंज