रिपोर्टर देवीनाथ लोखंडे
स्थान भरकावाडी
जिला बैतूल
बैतूल जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत में भारी मात्रा में भ्रष्टाचार
सरपंच और सरपंच पति रोजगार सहायक के साथ साठ गांठ कर मनरेगा योजना में फर्जी बिल बनाकर कर रहे मनरेगा की राशि का दुरुपयोग
विकासखण्ड बैतूल जनपद पंचायत बैतूल के अंतर्गत आने वाल ग्राम पंचायत भरकावाडी में सरपंच एवं सरपंच पति मोहन सातुपते द्वारा विगत दिनो से मनरेगा योजना एवं अन्य योजना के निर्माण कार्य मे अवैध फर्जी बिल बनाकर भुगतान कराया जा रहा हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सरपंच पति द्वारा मनरेगा योजना से वर्तमान में किसानों के खेत बंदी वाले रोड भरकावाडी से बयावाडी से मेढा वाले रोड के नाले की पुलिया के पास एवं सुनील राठौर के खेत के पास गैबियन स्ट्रक्चर बोल्डर डेम बनाये गये हैं जिसमें लगने वाली सामग्री लोहे की जाली तार एवं बोल्डर के बिलों में सामग्री की मात्रा दर लगभग दो से तीन गुना बढाकर बिल बनाये गये हैं। जो किं भृष्टाचार करने की मंसा से भुगतान करने के लिये जनपद पंचायत बैतूल में दिये जा रहें हैं। वर्तमान में मनरेगा योजना के इन बिलों की बोल्डर राशि 82500/- रूपये, (55 ट्रिप X 15 00 प्रतिट्राली ) बोल्डर राशि 21000/-रूपये( 14 X 1500प्रति ट्राली ) जो मटेरियल डाला ही नहीं गया । लोहाजाली तार के 76500/- रूपये, बाइडिंग तार 3000/- रूपये, वर्तमान एवं पूर्व के किये गये निर्माण कार्य में में मनरेगा योजना से लगाये गये बिलों की जांच आवेदनकर्ता पंचगण एवं ग्रामवासीयों के समझ की जायें।
वर्ष 2023-24 में विरान गांव, खानापुर का वार्ड क्र- 19 जो किं विरान वार्ड हैं जिसमें उस वार्ड में लगभग 7 से 8 लोग के वोटर लिस्ट में नाम हैं शासकीय भूमि होने के कारण पंचायत द्वारा मनरेगा योजना से लाखों रूपये के निर्माण कार्य किये जा रहे हैं जिसका लाभ इस गांव को पूर्ण रूप से नहीं मिल पा रहा हैं वहां पर योजना की राशि पूर्व में लगभग 6 से 7 लाख रूपये एवं वर्तमान में लगभग 4-5 लाख रूपये फिजुल खर्च की जा रही हैं जिससे वहा विकास कार्य का भौतिक रूप से औचित शुन्य हैं इस संबंध में सरपंच ग्राम पंचायत एवं जी.आर.एस को मौखिक कई बार गांव के लोगों द्वारा बोला गया कि वहा काम न कराकर भरकावाडी गांव की शासकीय भूमि में कार्य कराये जाये परंतु उनके द्वारा न मानते हुये भी विरानगांव, खानापुर में कार्य किया जा रहा हैं जिसकी जानकारी ग्राम वासियों एवं निर्माण विकास समिति को भी नहीं दी जाती हैं। वर्तमान में मनरेगा योजना के अवैध फर्जी बिलों एवं पूर्व निर्माण कार्य में लगाये गये फर्जी बिलों किं जांच कर उचित कार्यवाही करने की कृपा करें ताकि भविष्य में भृष्टाचार पर अंकुश लग सके।