• जिला मे कुंवारी लड़कियों के बच्चे को ऊंचे दामों पर करते थे तस्करी,चंदौली के SP ने भी बैठाई जांच।
चंदौली : जिले के पुलिस अधीक्षक ने नवजात बच्चों की खरीद- फरोख्त से जुड़ा मामला सामने आने के बाद सीओ मुगलसराय को मामले की पड़ताल की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं फूलपुर के थाना प्रभारी ने बताया कि दुलहीपुर के केबी हास्पिटल का संचालक डा. जमील के साथ तीन लोगों को जेल भेज दिया गया है। हालांकि जांच में आगे भी जो लोग संलिप्त पाए जाएंगे, उन्हें भी जेल भेजा जाएगा।आपको बता दें कि वाराणसी की फूलपुर पुलिस ने बाबतपुर एयरपोर्ट पर एक महिला निधी सिंह को छह दिन के बच्चे के साथ पकड़ा। उसके साथ सहयोगी अशोक पटेल भी पकड़ा गया। दोनों ने बताया कि उन्होंने यह बच्चा चंदौली के दुलहीपुर स्थित केबी हास्पिटल से 50000 रुपये में खरीदा है। अस्पताल के संचालक डा. जमील के जरिए यह सौदा तय हुआ। जमील ने 19 अगस्त को महिला निधी सिंह को फोन पर बताया कि एक बच्चा है, जिसके एवज में 50 हजार रुपये देने होंगे। महिला बच्चे को खरीदने के लिए झट से तैयार हो गई। बेंगलुरु में किसी दंपति को बच्चा बेचना था।बहरहाल बच्चों की तस्करी से जुड़ा सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद पुलिस हरकत में आ गई और डा. जमील को भी गिरफ्तार कर लिया गया। जमील से पूछताछ में बच्चे की खरीद- फरोख्त में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। उसने बताया कि यह बच्चा 17 अगस्त को उसके अस्पताल में पैदा हुआ था और मां की सहमति के बाद ही अशोक पटेल और निधी सिंह को बेचा गया था। इसी खुलासे के बाद फूलपुर के थाना प्रभारी प्रवीण सिंह इस निजी अस्पताल की जांच करने लगे। इसके बाद चंदौली पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने भी मामले को गंभीरता से लिया है।उन्होंने सीओ मुगलसराय आशुतोष को मामले की जांच सौंप दी है, जो बच्चों की तस्करी से जुड़े इस मामले की पड़ताल करेंगे। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश करेगी कि क्या अस्पताल के जरिए पहले भी बच्चों की तस्करी की गई है। फूलपुर के थाना प्रभारी प्रवीण सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला की कुंवारी लड़कियों के डिलीवरी करके नवजात शिशु को बेचता था। इस मामले में जमील खान, निधि सिंह, अशोक पटेल को जेल भेज दिया गया है, जबकि निजी अस्पताल की जांच जारी है, जो भी नवजात शिशु की खरीद व बेचने संलिप्त पाया जाएगा वह जेल जाएगा।