• उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा ( अनुचित साधनों की रोकथाम ) विधेयक, 2024
1, छात्र प्रस्तावित कानून में कारावास या जुर्माने के दण्ड की परिधि में नहीं होंगे उनका परीक्षा परिणाम रोक कर उन्हें एक वर्ष के लिए अगली परीक्षा में भाग लेने से रोक दिया जाएगा।
2,प्रस्तावित विधि के अंतर्गत किसी पद पर भर्ती या नियमितीकरण या पदोन्नति के लिए परीक्षा सहित उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, बोर्ड, विश्वविद्यालय, प्राधिकरण या निकाय, आयोग और सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किसी भर्ती समिति की परीक्षाएं भी आएँगी।
3, इसी में सॉल्वर गैंग, सेवा प्रदाता एवं उससे जुड़े कर्मचारी या एजेंट या ऐसे सेवा प्रदाता की सहायक कंपनी भी आएगी साथ ही परीक्षा प्राधिकरण के अधिकारी तथा कर्मचारी भी आएंगे।
4, नकल, पेपर लीक जैसे अपराधों के अलावा फर्जी वेबसाइट बनाना, फर्जी परीक्षा आयोजित करना, फर्जी प्रवेश पत्र जारी करना, फर्जी प्रश्नपत्र को वास्तविक प्रश्नपत्र के रूप में सम्बंधित परीक्षा से पूर्व प्रसारित करना भी अपराध होगा।
5, परीक्षाओं से जुड़ी किसी भी तरह की गडबड़ी में सम्मिलित होने वालों को कठोर सजा मिलेगी, जिसमें अधिकतम सजा आजीवन कारावास और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना भी है।
6, यदि पेपर लीक व नकल सहित परीक्षा से जुड़ी गड़बडि़यों में परीक्षा संस्थान या परीक्षा कराने वाली एजेंसी संलिप्त पाई जाती है तो उससे उस परीक्षा का पूरा खर्च वसूला जाएगा। साथ ही उसकी संपत्ति भी कुर्क और जब्त की जा सकती है।
7, अपराध संज्ञेय, गैरजमानतीय एवं सत्र विचारणीय होने के साथ-साथ अशमनीय भी होंगे।
8, किसी अपराध के लिए अभियुक्त को जमानत पर तब तक नहीं छोड़ा जायेगा, जब तक कि लोक अभियोजक को ऐसे आवेदन का विरोध करने का अवसर न दे दिया गया हो।
9, सामूहिक नकल द्वारा प्रश्नपत्रों को किसी भी भांति हल कराया जाय या सहयोग प्रदान किया जाता है, तो उक्त संस्थान को किसी भी सार्वजनिक परीक्षा को संचालित कराने से निवारित कर दिया जाएगा।
व्यक्ति, संस्था, प्रिंटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता से परीक्षा आयोजित करने के लिए प्रबंधन या परीक्षा सामग्री रखने या परिवहन करने के लिए अनुबंध किया है या आदेश दिया है और वह इस अध्यादेश के तहत किसी अपराध का दोषी पाया जाता है, तो उसे भविष्य में ऐसे असाइनमेंट के लिए हमेशा के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।