नाबालिग बेटी के दुष्कर्मी पिता पुत्र को 20-20 साल की सजा
संवाददाता पंकज कुमार शुक्ला बहराइच
गौरतलब है कि 22 मई 2022 को खैरीघाट थाने में बिहार के पीड़ित ने नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता-पुत्र के खिलाफ तहरीर देते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। लिखित शिकायत में पीड़िता ने बताया कि 28 अप्रैल 2022 को वह खगड़िया की एक सरकारी बैंक में छात्रवृत्ति की धनराशि निकालने आई थी। आरोप है कि धनराशि निकालने के बाद एक अज्ञात व्यक्ति ने उसका अपहरण कर धनीराम के हाथ उसे बेच दिया। धनीराम बहराइच के खैरीघाट थाना अंतर्गत रामपुर धोबियाहार का रहने वाला था। इसके बाद धनीराम पीड़िता को अपने घर लेकर आ गया। उसके बाद धनीराम ने बेटे अंकुश कुमार के साथ उसकी शादी कर दी। इसके बाद पिता-पुत्र एक माह तक उससे जोरजबदस्ती करने लगे।
आरोपित पिता-पुत्र ने पीड़िता को घर में कैद कर लिया और किसी से उसे मिलने-जुलने भी नहीं देते थे। इस बीच पीड़िता आरोपितों के चंगुल से बचकर अपने घर पहुंची। इसके बाद उसने परिजनों को आपबीती सुनाई। पीड़िता के घर वालों ने आरोपितों के खिलाफ सम्बन्धित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने जांच में मिले तथ्यों-सक्ष्यों और पीड़िता के बयान के आधार पर कोर्ट में आरोपपत्र सौंपा दिया था। शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश पाक्सो दीपकांत मणि की कोर्ट पर मुकदमें की सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष शासकीय अधिवक्ता संतप्रताप सिंह व विशेष लोक अभियोजक संतोष सिंह व बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने धनीराम व अंकुश को मुकदमें में दोषी मानते हुए बीस-बीस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाते अर्थदंड से दंडित किया
गौरतलब है कि 22 मई 2022 को खैरीघाट थाने में बिहार के पीड़ित ने नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता-पुत्र के खिलाफ तहरीर देते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। लिखित शिकायत में पीड़िता ने बताया कि 28 अप्रैल 2022 को वह खगड़िया की एक सरकारी बैंक में छात्रवृत्ति की धनराशि निकालने आई थी। आरोप है कि धनराशि निकालने के बाद एक अज्ञात व्यक्ति ने उसका अपहरण कर धनीराम के हाथ उसे बेच दिया। धनीराम बहराइच के खैरीघाट थाना अंतर्गत रामपुर धोबियाहार का रहने वाला था। इसके बाद धनीराम पीड़िता को अपने घर लेकर आ गया। उसके बाद धनीराम ने बेटे अंकुश कुमार के साथ उसकी शादी कर दी। इसके बाद पिता-पुत्र एक माह तक उससे जोरजबदस्ती करने लगे।
आरोपित पिता-पुत्र ने पीड़िता को घर में कैद कर लिया और किसी से उसे मिलने-जुलने भी नहीं देते थे। इस बीच पीड़िता आरोपितों के चंगुल से बचकर अपने घर पहुंची। इसके बाद उसने परिजनों को आपबीती सुनाई। पीड़िता के घर वालों ने आरोपितों के खिलाफ सम्बन्धित थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने जांच में मिले तथ्यों-सक्ष्यों और पीड़िता के बयान के आधार पर कोर्ट में आरोपपत्र सौंपा दिया था। शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश पाक्सो दीपकांत मणि की कोर्ट पर मुकदमें की सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष शासकीय अधिवक्ता संतप्रताप सिंह व विशेष लोक अभियोजक संतोष सिंह व बचाव पक्ष के अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने धनीराम व अंकुश को मुकदमें में दोषी मानते हुए बीस-बीस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाते अर्थदंड से दंडित किया
संवाददाता पंकज कुमार शुक्ला बहराइच