जिला संवाददाता विमल गुप्ता यूपी
जनपद कानपुर देहात
जलालपुर
आज भी उपेक्षा का शिकार है मुरलीपुर जलालपुर का अंबेडकर पार्क। खुद को दलित समाज का नेता कहने वाले ही बन रहे दलित समाज के लिए कलंक
सरकार है अंबेडकर विरोधी- अशोक सचान
कानपुर देहात ।ब्लॉक मलासा के अंतर्गत ग्राम पंचायत मुरलीपुर में अंबेडकर पार्क की दलित समाज द्वारा कुछ महत्वपूर्ण मांगों को लेकर की जा रही है अनशन की तैयारी। अंबेडकर पार्क में एक कच्चे व टूटे-फूटे चबूतरे पर लगी है बाबा साहब की प्रतिमा। जिसको एक बाउंड्री वॉल में सुरक्षित करने की की जा रही है मांग। दूसरी मांग यह है कि चबूतरे को पक्का किया जाए और तीसरी मांग है कि अंबेडकर साहब की प्रतिमा के ऊपर छतरी की व्यवस्था की जाए ताकि उनकी प्रतिमा को धूप बारिश के मौसम व अन्य समस्याओं से बचाया जा सके । वहीं ग्रामीण रामचंद्र ने बताया कि हम लोग जिले के अधिकारियों से लेकर जिले के जनप्रतिनिधियों तक अपनी बात को कई बार पहुंचा चुके हैं । इनके कार्यालयों के कई कई बार चक्कर लगा चुके हैं । लेकिन हां करवा दिया जायेगा आश्वासन मिलता रहा इसके अलावा धरातल पर कोई काम नहीं करवाया गया। हमारी बात नहीं सुनी जाती है क्योंकि हम अनुसूचित जाति से आते हैं। हमारी समाज के बड़े-बड़े जनप्रतिनिधियों ने भी हमें सिर्फ आश्वासन ही दिया है ।
हमारी मांगों को पूरा करने का थोड़ा सा भी प्रयास नहीं किया है। जबकि हमारे गांव के आसपास अपने आपको बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर को मानने वाले जो दलित समाज के नेता बनते हैं खुद को दलित समाज का हितैषी बताते हैं कोई हमारी मांगों को पूरा करने के लिए आगे नहीं आता । बस जरूरत पड़ने पर दलित समाज के नेता बनकर बाबा साहब का नाम लेकर अपना व्यक्तिगत राजनीतिक लाभ उठाते हैं ऐसे नेता दलित समाज के लिए कलंक हैं। इसके अलावा कई जनप्रतिनिधियों ने पिछले त्रिस्तरीय चुनाव होने से पहले यह वादा किया था कि हम चुनाव जीतने के बाद अंबेडकर पार्क का काम करवा देंगे पर किसी ने भी कुछ भी ध्यान नहीं दिया । जीतने के बाद किसी ने अंबेडकर पार्क की ओर मुड़कर भी नहीं देखा । आज भी उपेक्षा का शिकार है मुरलीपुर जलालपुर का अंबेडकर पार्क । अशोक सचान ने तो सरकार को ही घेर लिया उनका कहना है कि सरकार अंबेडकर विरोधी है। अगर हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आन्दोलन अनशन भी किया जाएगा। दलित समाज के लोगों का यह भी कहना है कि हमारे साथ हमारी समाज के साथ आज भी भेदभाव किया जाता है । हमारी समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है सुनकर बस टरका दिया जाता है । अंबेडकर पार्क में इन समस्याओं व मांगों को लेकर बात करने के दौरान अशोक सचान , शकुंतला देवी , रोशनी देवी , झनक दुलारी , उषा देवी रेखा देवी , गुड्डन गौतम , कल्पना गौतम , केतकी गौतम , नेहा और छोटू , विजयलक्ष्मी , दामिनी शिवम गौतम , सूरज गौतम रोहित , रामू , तनु , कृष्णा , नैतिक , शिवा , वीरेंद्र , अर्जुन करन, रितिक , कार्तिक , जगदीश , शिवा , हर्षित , जगदीश , भूप नारायण , वंश लाल , रमेश चंद्र , रामचंद्र , आदर्श कुमार , हरिश्चंद्र , नीरज , चरन, गणेश शंकर , अमित अंकुश आदि अंबेडकर साहब को मानने वाले व दलित समाज के लोग मौजूद थे ।