चुनौतियों का सामना करते हुए आत्मविश्वास बनाए रखना सफलता की सबसे बड़ी कुंजी: डीसी डा. हरीश कुमार वशिष्ठ
पलवल-22 दिसंबर
कृष्ण कुमार छाबड़ा
डी.सी. हरीश कुमार वशिष्ठ ने नवोदय विद्यालय के अपने विद्यार्थी जीवन से लेकर जिला कलेक्टर बनने तक के प्रेरणादायक अनुभव विद्यार्थियों के साथ साझा किए।
जवाहर नवोदय विद्यालय रसूलपुर में गत दिवस डीसी पलवल डॉ.हरीश वशिष्ठ के साथ प्रेरक व्यक्तित्व वार्ता का आयोजन हुआ। इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती संजू जोशी ने कलेक्टर महोदय का पुष्पगुच्छ एवं शॉल सप्रेम भेंट कर स्वागत किया।
इस अवसर पर उपायुक्त ने बताया कि कैसे नवोदय विद्यालय में मिली शिक्षा और अनुशासन ने उनके व्यक्तित्व और करियर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि नवोदय विद्यालय का वातावरण, शिक्षकों का मार्गदर्शन, और साथियों के साथ बिताए गए पल उनके जीवन के सबसे बहुमूल्य अनुभवों में से हैं।
अपने संबोधन में उन्होंने विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत, अनुशासन और सकारात्मक सोच के महत्व पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि चुनौतियों का सामना करते हुए आत्मविश्वास बनाए रखना सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है।
इस अवसर पर विद्यार्थियों ने डीसी से प्रेरणा लेते हुए अपने सपनों को साकार करने का संकल्प लिया।
विद्यालय के छात्रों ने उनसे विभिन्न प्रश्न पूछे, जिनका उन्होंने बड़े ही सहज और प्रेरणादायक ढंग से उत्तर दिया।
डॉ वशिष्ठ ने विद्यालय में स्थापित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब का भ्रमण किया जहां विद्यालय के छात्रों कुमारी पलक, कुमारी सपना, मास्टर शिव कुमार और मास्टर भविष्य ने प्रोग्रामिंग का सफल प्रदर्शन किया।
डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने अत्यंत उत्सुकता एवं रुचि के साथ छात्रों की प्रशंसा करते हुए उनका उत्साह वर्धन किया। कार्यक्रम का समापन प्राचार्या श्रीमती संजू जोशी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
तत्तपश्चात डीसी हरीश कुमार वशिष्ठ ने बालिका छात्रावास का भ्रमण किया और छात्राओं के साथ वार्तालाप किया। उन्होंने कनिष्ठ छात्रावास की छात्राओं से विद्यालय की खान-पान व्यवस्था के विषय में जानकारी प्राप्त की एवं वरिष्ठ छात्रों से उनके अध्ययन अध्यापन एवं जीवन लक्ष्यों के बारे में प्रश्न पूछे। डॉ वशिष्ठ ने छात्राओं से नवोदय विद्यालय के सूत्र वाक्य प्रज्ञानं ब्रह्म का अर्थ पूछा। तत्पश्चात उन्होंने संविधान की प्रस्तावना के बारे में छात्राओं से पूछा और कक्षा 10 की छात्रा वैशाली ने संविधान की प्रस्तावना को उपायुक्त को सुनाया जिस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उपायुक्त ने स्वयं संविधान की प्रस्तावना को छात्राओं को अर्थ सहित समझाया। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना को प्रातः कालीन प्रार्थना सभा का अभिन्न अंग बनाया जाना चाहिए जिससे विद्यार्थियों में अपने संविधान के प्रति सम्मान की भावना जागृत हो सके। उन्होंने छात्रों के मन में एक नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार किया।
कई छात्राओं ने डॉ हरीश कुमार वशिष्ठ के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर आश्वासन दिया कि वे उन्हीं की भांति कठिन परिश्रम करेंगी एवं प्रशासनिक अधिकारी बनने का प्रयास करेंगी।