छ. ग. विशेष संवाददाता :- राजेन्द्र मंडावी धान खरीदी केंद्र में धान उठाव और खरीदी कार्य में देरी से किसानों में नाराजगी, आंदोलन की चेतावनी
कांकेर। जिले के लेम्स कोटतरा क्षेत्र में धान खरीदी केंद्रों पर धान उठाव और खरीदी कार्य में हो रही देरी ने किसानों को गहरी आर्थिक और मानसिक परेशानी में डाल दिया है। स्थानीय किसानों ने बताया कि खरीदी केंद्र पर कुल 19,130.40 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी, लेकिन अब तक मात्र 520 क्विंटल धान का उठाव किया गया है। इस लापरवाही के कारण धान के ढेर खुले में पड़े हुए हैं, और किसानों को न तो अपनी फसल का उचित मूल्य मिल पा रहा है, न ही वे इसे बेच पा रहे हैं।
धान खरीदी में देरी से किसानों को अपनी दैनिक जरूरतों और ऋण चुकाने में दिक्कतें आ रही हैं। बारिश या मौसम खराब होने की स्थिति में धान खराब होने का खतरा भी बढ़ गया है। किसानों का कहना है कि यदि यह स्थिति जारी रही, तो उन्हें अपनी मेहनत की कमाई गंवानी पड़ेगी।
ग्राम पंचायत बगडोंगरी, और अन्य ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है। सरपंचों ने जिला कलेक्टर को लिखित पत्र सौंपकर स्पष्ट किया कि यदि 23 दिसंबर 2024 तक धान का उठाव और खरीदी कार्य शुरू नहीं किया गया, तो किसान सामूहिक रूप से आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
प्रशासनिक निष्क्रियता पर सवाल –
पत्र में सरपंचों ने प्रशासनिक अधिकारियों पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि खरीदी केंद्रों पर किसानों की उपेक्षा हो रही है। किसान अपना धान बेचने के लिए परेशान हैं, लेकिन प्रशासन उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रहा है। इसके अलावा, पत्र में संबंधित अधिकारियों से इस समस्या को प्राथमिकता से हल करने का अनुरोध किया गया है।
आंदोलन की चेतावनी –
सरपंचों ने बताया कि किसानों के धैर्य की परीक्षा न ली जाए। यदि जल्द ही धान का उठाव और खरीदी कार्य शुरू नहीं होता है, तो आंदोलन किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। किसानों का कहना है कि उनकी समस्या का समाधान करने के बजाय प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है, जिससे उनका गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
प्रतिक्रियाएं भेजी गईं
यह पत्र जिला उपयुक्त सहकारिता, कलेक्टर कांकेर, डीएमओ कांकेर, अनुमंडल अधिकारी चारामा, और स्थानीय पुलिस थाना चारामा को भी सूचना के लिए भेजा गया है। प्रशासन ने अब तक इस पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन किसानों का कहना है कि वे अपने हक के लिए मजबूती से खड़े रहेंगे।
किसानों ने मांग की है कि जल्द से जल्द धान उठाव और खरीदी प्रक्रिया को सुचारू किया जाए, ताकि उनकी परेशानियों का समाधान हो सके और वे अपनी आजीविका को सुरक्षित कर सकें।