सफदर इसरार खान
(क्राइम रिपोर्टर) सत्यार्थ न्यूज़ सुलतानपुर उत्तर प्रदेश
8वीं पास कोमल ने खोली इमरती की दुकान, 900 पीस प्रतिदिन बेचकर हो रहे हैं मालामाल” 5 लोगों का भी चल रहा है परिवार
सुलतानपुर के कोमल निषाद सिर्फ 8वीं तक की पढ़ाई किए हैं. उन्होंने परिवार की आर्थिक तंगी की वजह से पढ़ाई छोड़कर इमरती की एक दुकान खोल दी. आज वह दिनभर में 800 से 900 इमरती प्रतिदिन के हिसाब से बेचते हैं. इसके साथ ही उनके यहां 5 लोगों को रोजगार भी मिला है।
अगर दिल में हौसला और जुनून हो तो कोई भी आदमी किसी भी काम को आसानी से कर सकता है. जी हां! आज हम बात कर रहे हैं सुलतानपुर के रहने वाले कोमल निषाद की. जिनकी पारिवारिक परिस्थितियां उनको पढ़ाई से दूर कर दी, लेकिन अपने हौसले और कुछ कर जाने के जुनून की जिसकी वजह से कोमल निषाद आज सुलतानपुर शहर में प्रतिदिन 800 से 900 इमरती बेचकर इतिहास रच दिए हैं. इनकी दुकान पर इमरती खाने के लिए बाहर जिलों के लोग भी आते हैं.
“जानें क्यों मशहूर है यह दुकान”
सुलतानपुर शहर से लगभग 4 किलोमीटर दूर टेढुई चौराहा पर स्थित यह दुकान है. कोमल निषाद के दुकान की इमरती मशहूर होने का कारण है कि इसे बेहतरीन तरीके से फेटा जाना है, जिससे इमरती बहुत ही मुलायम बनी रहती है, जो काफी देर तक टिकाऊ भी रहती है. इसके अलावा इमरती में डाली गई इलायची का बुरादा इसके स्वाद को और बेहतरीन बना देता है. यहां पर इमरती खाने वाले लोगों की भीड़ लगी रहती है. इस दुकान पर सुलतानपुर समेत आसपास के जिलों जैसे अयोध्या, अमेठी, प्रतापगढ़ जौनपुर आदि जगह के लोग भी इमरती खाने आते हैं यहां।
“जानें क्यों नहीं की पढ़ाई”
कोमल निषाद ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने सिर्फ 8वीं तक की पढ़ाई की है. क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उनका पढ़ाई से नाता टूट गया है. इसके बाद उन्होंने इमरती दुकान किया. आज प्रतिदिन 800 से 900 इमरती बेचने के साथ-साथ 5 लोगों को रोजगार भी दिया है.
“दुकान खुलने का यह है समय”
अगर आप भी कोमल निषाद की दुकान की इमरती खान की सोच रहे हैं, तो आपको बता दें कि यह दुकान प्रतिदिन सुबह 8:00 बजे से रात 9:00 बजे तक खुली रहती है. इस बीच आप इस इलायची वाली इमरती का बेहतरीन स्वाद ले सकते हैं.