गंगेश कुमार पाण्डेय
(ब्यूरोचीफ)सत्यार्थ न्यूज़ सुलतानपुर उत्तर प्रदेश
“पीएम मातृ वंदना “योजना में ओटीपी की समस्या हुई दूर, “अब आसानी से हो सकेगा पंजीकरण“
सत्यार्थ न्यूज़ सुलतानपुर:
पीएम मातृ वंदना योजना में ओ टी पी की समस्या हुई दूर, अब आसानी से होगा पंजीयन।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मोबाइल पर ओ टी पी आने लगा है। सुलतानपुर में इससे गर्भवती और धात्री महिलाओं के पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लाभार्थियों को योजना का लाभ मिल सकेगा। विभागीय अधिकारी का कहना है कि एक-दो दिन में सभी विकासखंडों में आवेदन करना सहज हो जाएगा।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत ओ टी पी की समस्या अब दूर हो गई है।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग को दी गई है जिम्मेदारी
2120 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की बनी है आइडी
सीडीपीओ को बनाया गया है नोडल अधिकारी ,मोबाइल पर ओटीपी न आने से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन में आने वाली बाधा दूर हो गई है। लाभार्थियों का पंजीयन करने के लिए पोर्टल पर लॉगिन करने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मोबाइल पर ओटीपी आने लगा है। इससे गर्भवती व धात्री महिलाओं के पंजीयन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्हें अब योजना का लाभ मिल सकेगा।
विभागीय अधिकारी कहते हैं कि सभी विकासखंडों में एक-दो दिन में लाभार्थियों के लिए आवेदन करना सहज हो जाएगा। पिछले सप्ताह तक कई जनपदों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मोबाइल पर ओटीपी नहीं आ रही थी। लाभार्थियों को पंजीयन में दिक्कतें आ रही थीं।
मार्च से इस व्यवस्था में बदलाव किया गया
इस तकनीकी खामी को दूर करने के लिए बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशालय को सूचना दी गई थी। गर्भवतियों व स्तनपान कराने वाली माताओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने और कुपोषण से निपटने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का संचालन पहले स्वास्थ्य विभाग करता रहा है। मार्च से इस व्यवस्था में बदलाव कर दिया गया। संचालन का दायित्व बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार को दे दिया गया।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया
इसके लिए सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया। उनकी आईडी बनाई गई। अब जब लाभार्थियों को लाभ देने की बारी आई तो तकनीकी समस्या आ रही है। 14 सीडीपीओ और 2120 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की आईडी बनाई गई है।
जनपद में 2511 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता क्षेत्र में भ्रमण कर पात्र लाभार्थियों का पहचान करेंगी। आधारकार्ड, बैंक खाते का विवरण लेंगी, मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड की सूचना के आधार पर उनका पंजीयन करेंगी। यदि बैंक खाता आधार से जुड़ा नहीं है तो उसे जुड़वाने के अतिरिक्त खाता खुलवाने और आधार बनवाने तक में मदद करेंगी।
गर्भपात, मृत जन्म, जन्म पंजीकरण व टीकाकरण आदि सूचनाओं को अपडेट करने का दायित्व उन्हीं पर है। अपलोड सूचनाओं को सत्यापित करने का कार्य मुख्य सेविकाओं का है। योजना की नोडल के रूप में नियमित समीक्षा करने का जिम्मा सीडीपीओ को दिया गया है।
यह है योजना
योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को पहले दो जीवित बच्चे पर ही लाभ दिया जाएगा। दूसरी संतान बालिका होने ही योजना का लाभ मिलेगा। पहले जीवित बच्चे के जन्म पर पांच हजार दो किस्तों में व दूसरे जीवित बच्चे (बालिका) के जन्म पर छह हजार रुपये एक बार में दिया जाएगा। दूसरे बच्चे के लिए लाभ पाने को गर्भावस्था के दौरान पंजीकरण अनिवार्य होगा।
ये महिलाएं हो सकेंगी लाभार्थी
अनुसूचित जाति व जनजाति की महिलाएं, 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगजन महिलाएं, आयुष्मान भारत योजना व ई- श्रम कार्ड धारक महिलाएं, किसान सम्मान निधि की लाभार्थी, मनरेगा जॉब कार्ड धारक, जिनके परिवार की वार्षिक आय आठ लाख रुपये से कम हो, गर्भवती या धात्री महिलाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका व आशा आदि।
जिला कार्यक्रम अधिकारी शरद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि अब पात्र लाभार्थियों की पहचान कर उनका पंजीयन पोर्टल पर आसानी से हो सकेगा। लाभार्थी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से अपना आवेदन कर पोर्टल पंजीयन कराएं, जिससे उन्हें योजना का लाभ मिल सके।