छ. ग. विशेष संवाददाता :- राजेन्द्र मंडावी बांस का हुनर, नई उड़ान – चारामा में सजेगी कला की पहचान
चारामा। वन परिक्षेत्र चारामा, वन मंडल कांकेर के तत्वावधान में बांस शिल्प प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन 2 दिसंबर 2024 से 15 दिसंबर 2024 तक किया जा रहा है। यह कार्यशाला वन प्रबंधक समिति कोटतरा के लाभार्थियों के लिए आयोजित की गई है, जिसका उद्देश्य आदिवासी/वनवासियों को आत्मनिर्भर बनाना और उनके कौशल को बढ़ावा देना है।कार्यशाला का स्थान “बांस प्रसंस्करण केंद्र चारामा है। जहां प्रतिभागियों को बांस शिल्प के आधुनिक और पारंपरिक तरीकों से परिचित कराया जाएगा। प्रशिक्षकों द्वारा बांस से दैनिक उपयोग की वस्तुएं, सजावटी सामग्री और अन्य उपयोगी उत्पाद तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण का महत्व यह कार्यशाला न केवल रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी, बल्कि आदिवासी/वनवासियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। बांस, जिसे हरित सोना कहा जाता है, पर्यावरण संरक्षण और स्थायी विकास का प्रतीक है। इसका उपयोग करके आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है।कार्यशाला में भाग लेने वाले लाभार्थियों में उत्साह देखने को मिल रहा है। वे बांस शिल्प को एक नई दिशा देने और अपने कौशल को सुधारने के लिए तत्पर हैं। इस प्रयास से वन विभाग क्षेत्रीय विकास के साथ-साथ पारंपरिक शिल्प को भी संरक्षित और प्रोत्साहित कर रहा है। कार्यशाला के समापन पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले लाभार्थियों को सम्मानित भी किया जाएगा। यह कार्यक्रम आदिवासी/वनवासियों के जीवन को नई दिशा देने के साथ-साथ समाज में उनकी स्थिति को मजबूत करने की ओर एक सकारात्मक कदम है।
कला की यह राह आत्मनिर्भरता का आधार, बांस शिल्प से सजेगा अब हर घर संसार।