कांग्रेस का संघर्ष रंग लाया
अब निजी हाथों में नहीं जाएगा जिला अस्पताल
संवाददाता देवीनाथ लोखंडे बैतूल
बैतूल। पीपीपी मोड पर मेडिकल कालेज बनाने और उसके लिए सरकारी जिला अस्पताल को भी प्राइवेट प्लेयर के हाथ में देने के फैसले पर कांग्रेस ने कहा कि लौट कर कम अक्ल घर पर आए। यह बात कहते हुए जिला कांग्रेस प्रवक्ता मोनू वाघ ने कहा बैतूल जिले में जिला अस्पताल को पीपीपी मोड के मेडिकल कालेज के लिए प्राइवेट सेक्टर के हाथो में दिए जाने का जिला कांग्रेस ने पुरजोर विरोध किया था। उनका कहना है कि जिला कांग्रेस अध्यक्ष हेमंत वागद्रे के नेतृत्व में जिले के कांग्रेसियो ने 8 अगस्त को बरसात में भीगते हुए कलेक्ट्रेट तक रैली निकाल और ज्ञापन देकर इस मामले को आम जनता के बीच लेकर गई थी। इसके बाद भी हर मौके पर इस मुद्दे को उठाया गया। इससे आम जनता में सरकारी अस्प्ताल के निजी हाथो में जाने का आंतरिक आक्रोश फैल गया। बैतूल सहित अन्य जिलों में भी विरोध शुरू हुआ। इसी का नतीजा है कि सरकार को बैक फुट पर आना पड़ा और सरकारी अस्पताल को प्राइवेट हाथो में देने का फैसला बदलना पड़ा। जिला कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि सरकार यह भी बताए कि प्राइवेट मेडिकल कालेज कब तक अपना स्वयं का अस्प्ताल बनाएगा और उक्त अस्प्ताल में आम जनता के निशुल्क इलाज के लिए कितने बेड उपलब्ध रहेंगे। प्रदेश सरकार के साथ बैतूल के सांसद सहित सभी विधायक जनता को जवाब दे।