रिपोर्टर देवीनाथ लोखंडे
चोपना- बैतूल
खेत तालाब और डेम निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप ग्रामीणों ने जनसुनवाई में की शिकायत
बैतूल। ग्राम पंचायत चोपना में बिना निर्माण कार्य के ही लाखों रुपये निकालने का गंभीर आरोप लगाते हुए, ग्रामीणों ने कलेक्टर के समक्ष जनसुनवाई में अपनी शिकायत दर्ज कराई। आवेदनकर्ता पंच अशोक राय और ननी विश्वास सहित अन्य ग्रामीणों ने कहा कि ग्राम पंचायत द्वारा 2021-22 में स्वीकृत स्टॉप डेम का निर्माण नहीं कराया गया, फिर भी 11 लाख 19 हजार रुपये की राशि निकाल ली गई।
कृष्णा मंडल के खेत में डेम का कोई अता-पता नहीं
अशोक राय ने बताया कि पंचायत ने ग्राम चोपना के कृष्णा मंडल के खेत में स्टॉप डेम के निर्माण की स्वीकृति ली थी, लेकिन आज तक वहां कोई निर्माण नहीं हुआ है। पंचायत के सरपंच अशोक नारे और सचिव कमल राठौर ने 11 लाख से अधिक की राशि निकाली, लेकिन डेम का कोई नामोनिशान तक नहीं है।
खेत तालाब निर्माण में भी गड़बड़ी
चोपना के ही निवासी नगेन्द्र नारायण के खेत तालाब के नाम पर भी 2,88,000 रुपये निकाल लिए गए, जबकि वहां कोई काम नहीं किया गया। दूसरे का खेत तालाब दिखाकर भ्रष्टाचार किया गया। पंचायत में अनियमितताएं इतनी बढ़ गई हैं कि बिना किसी कार्य के ही फर्जी बिल और मस्टर रोल से पैसा निकाल लिया जाता है।
गुणवत्ता विहीन हो रहा निर्माण कार्य
ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत द्वारा सामुदायिक स्वच्छता परिसर निर्माण में भी भारी अनियमितताएं की जा रही हैं। इंजीनियर द्वारा दिए गए डिज़ाइन को नजरअंदाज करते हुए बिना बीम के स्लैब डाल दिया गया। इसके अलावा, वनग्राम के पास स्टॉप डेम निर्माण कार्य भी बेहद घटिया तरीके से किया जा रहा है, जिससे काम की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।
फर्जी बिलों से लाखों का गबन
ननी विश्वास ने बताया कि पंचायत में फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों की राशि का गबन हो रहा है। अंश मटेरियल सप्लायर के नाम से बिल बनाकर पैसा निकाला गया, जबकि चोपना में इस नाम की कोई दुकान या इकाई है ही नहीं। ग्रामीणों ने पंचायत के सरपंच और सचिव पर फर्जी बिलों के माध्यम से शासन की राशि हड़पने का आरोप लगाया है।
जानकारी मांगने पर दी धमकियां
ग्रामीणों का कहना है कि जब उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी, तो सचिव कमल राठौर ने उन्हें धमकियां दीं। अब ग्रामीणों ने कलेक्टर से निष्पक्ष जांच की मांग की है, ताकि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जा सके और पंचायत में हो रही अनियमितताओं पर अंकुश लगाया जा सके।