जौनपुर : कलेक्ट्रेट स्थित प्रेक्षागृह में किशोर न्याय (बालकों का देख-रेख एवं संरक्षण) अधिनियम-2015 संशोधन 2021 एवं मिशन वात्सल्य का जनपद में क्रियान्यवयन विषयक पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जौनपुर : कलेक्ट्रेट स्थित प्रेक्षागृह में किशोर न्याय (बालकों का देख-रेख एवं संरक्षण) अधिनियम-2015 संशोधन 2021 एवं मिशन वात्सल्य का जनपद में क्रियान्यवयन विषयक पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
• कलेक्ट्रेट स्थित प्रेक्षागृह में किशोर न्याय (बालकों का देख-रेख एवं संरक्षण) अधिनियम-2015 संशोधन 2021 एवं मिशन वात्सल्य का जनपद में क्रियान्यवयन विषयक पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जौनपुर : डीएम दिनेश कुमार चंद्र ने मिशन वात्सलय के जनपद जौनपुर में अनुपालन हेतु अधिनियम के अन्तर्गत गठित ब्लाक/नगर निकाय बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति के पदाधिकारियों खण्ड विकास अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी, प्रभारी चिकित्साधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका/नगर पंचायत, सहायक विकास अधिकारी (पं0), सहायक विकास अधिकारी (स0क0), थानों के बाल कल्याण अधिकारी, किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति, चाइल्ड लाइन की उपस्थिति में कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये निर्देशित किया गया कि मिशन वात्सल्य के अन्तर्गत संचालित बालकों की समस्त योजनाओं में लाभार्थियों का सत्यापन करते हुये उन्हे शत-प्रतिशत आच्छादित किया जाये। उन्होंने कहा कि जनपद में बाल संरक्षण का बेहतर माहौल होना चाहिए।
निर्देश दिया गया कि स्पान्सरशीप, बाल सेवा योजना (सामान्य), उ0प्र0 मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का कोई भी पात्र लाभार्थी आच्छादन से छूटना नहीं चाहिए। किसी बच्चे के हित में कार्य करने पर व्यक्तिगत रूप से आपको खुशी महसूस होगी। यह मानवता की सेवा का सबसे अच्छा रास्ता है। अपर पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण द्वारा बताया गया कि विशेष किशोर पुलिस यूनिट और एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के माध्यम से पुलिस विभाग बच्चों हेतु बेहतर कार्य करने की कोशिश कर रहा है। किशोर न्याय (बालकों का देख-रेख एवं संरक्षण) अधिनियम एवं पाक्सो अधिनियम के अनुपालन हेतु आवश्यक कार्यवाही की जा रही हैं। बच्चों हेतु संचालित योजनाओं का जनपद में आच्छादन हेतु भी पुलिस विभाग सक्रिय सहयोग करेगा और थानों के महिला हेल्पडेस्क के माध्यम से पात्र बच्चों के आवेदन कराये जायेगें।
यूनिसेफ से आये हुये अधिकारी द्वारा किशोर न्याय (बालकों का देख-रेख एवं संरक्षण) अधिनियम एवं पाक्सो अधिनियम पी0पी0टी0 के माध्यम से प्रस्तुतीकरण किया गया। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देते हुये विभिन्न हेल्पलाइन नम्बर के साथ ही बालमित्र, ग्राम पंचायत/वार्ड बनाये जाने हेतु वार्षिक कार्ययोजना में सम्मिलित करते हुये कुल बजट के पॉच प्रतिशत धनराशि बच्चों एवं महिलाओं हेतु खर्च किये जाने का अनुरोध किया।