सनातन धर्म पर हो रहे हमलों के खिलाफ संत समाज का आक्रोश, सरकार से की मांग…
वाराणसी : देशभर में हिन्दुओं की धार्मिक यात्राओं पर हो रहे पथराव और सनातन धर्म पर हो रहे हमलों के खिलाफ हिन्दू धर्माचार्यों और संतों नें सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। अखिल भारतीय व्यास संघ के राष्ट्रीय अधिवेशन में जुटे कथावाचकों, धर्माचार्यों और संतों नें स्पष्ट किया कि वे अब इस तरह की घटनाओं पर चुप नहीं बैठेंगे। सिद्धपीठ पातालपुरी मठ, नरहरपुरा में आयोजित इस अधिवेशन में संतों नें सरकार से मांग किया कि हिन्दुओं पर हो रहे पथराव को तुरंत रोका जाए, नहीं तो संत समाज सड़कों पर उतरनें के लिए बाध्य होगा।
महंत बालक दास नें कहा कि हम शांति और सहिष्णुता के पक्षधर हैं, लेकिन अपने धर्म और संस्कृति के अपमान पर हम चुप नहीं रह सकते। हिन्दू धार्मिक यात्राओं पर पथराव करनें वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। राष्ट्रीय अधिवेशन में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें पथराव करने वालों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई, वक्फ बोर्ड द्वारा कब्जाई गई जमीनों की जांच, धर्मांतरण करानें वालों की संपत्ति जब्त करनें की मांग शामिल हैं। इसके अलावा, हिन्दू धर्मस्थलों में पवित्रता बनाए रखनें और मांसाहारियों को मंदिर परिसरों में प्रवेश न देनें पर जोर दिया गया।
व्यास संघ नें साफ कर दिया कि जिहादी ताकतें हिन्दू समाज को डरानें की कोशिश कर रही हैं, लेकिन संत समाज अब इन हमलों का खुलकर विरोध करेगा। अधिवेशन में यह भी निर्णय लिया गया कि लाखों धर्म योद्धाओं को तैयार किया जाएगा, जो हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए सक्रिय रूप से कार्य करेंगे।
राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित प्रस्ताव
1. जिस मस्जिद या घर से हिन्दुओं की धार्मिक यात्राओं पर पत्थर फेंके गए, उस पर तत्काल बुलडोजर चलाया जाए।
2. मठाधीश को खुलेआम माफिया कहनें वाले के खिलाफ सरकार कार्रवाई करें।
3. वक्फ बोर्ड द्वारा हड़पी गयी जमीनों को मुक्त कराया जाए और इस पर तुरन्त लगाम लगाकर जांच की जाए।
4. धर्मांतरण करानें वालों की संपत्ति जब्त की जाए।
5. मंदिरों में स्थानीय धर्माचार्यों, पीठाधीश्वरों को संचालन समिति में रखा जाए।
6. हिन्दू धर्मस्थलों में पवित्रता का सिद्धांत लागू किया जाए। मांसाहार करनें वालों को मन्दिर परिसर में किसी कीमत पर न जानें दिया जाए।
7. हिन्दू देवी देवताओं पर टिप्पणी करनें और किसी तरह की फ़िल्म बनाने पर प्रतिबंध लगाया जाए। सनातन धर्म का मजाक उड़ानें वालों के विरुद्ध कड़े कानून बनाए जाएं।
8. व्यास संघ के सदस्य दलित बस्तियों के उद्धार हेतु रामकथा का आयोजन करेंगे और दलित समाज के उत्थान के लिए कार्य करेंगे।
9. सनातन के विरोधियों का खुलकर विरोध किया जाएगा और लाखों हिंदुओ को जागरूक किया जाएगा।
10. सेकुलर राजनीति के नाम पर सनातन धर्म और संस्कृति के अपमान करनें वालों को बहिष्कार किया जाएगा।
11. बांग्लादेशी हिंदुओं की जान और सम्मान की सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ को पत्र लिखेंगे।
12. वेदपाठी बटुकों के लिए छात्रवृत्ति योजना सरकार शुरू करें ताकि वेद को घर घर तक पहुचाया जा सके।
13. हिन्दू मंदिरों को वापस न देना पड़े इसके लिए वर्शिप एक्ट बनाया गया। इसको पूरी तरह खत्म किया जाए। मुगलों के समय हिन्दू अपने मंदिरों को बचा नहीं पाए, आज तो बचा सके।
14. व्यास पीठ पर बैठकर जो मर्यादा तार तार करते है उनके खिलाफ व्यास संघ सख्त कार्रवाई करेगी।
15. अखंड भारत में जिन मंदिरों को आक्रांताओं नें तोड़ा है फिर से उसकी प्राण प्रतिष्ठा कराई जाए।
16. सांस्कृतिक पहचान को पुनः कायम करनें की दिशा में व्यास संघ लोगों को जागरूक करेगा।