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नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में रेल मंत्रालय के पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) की समीक्षा के लिए आयोजित दूसरी बैठक की अध्यक्षता की।

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• केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में रेल मंत्रालय के पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) की समीक्षा के लिए आयोजित दूसरी बैठक की अध्यक्षता की।

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नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज नई दिल्ली में रेल मंत्रालय (एमओआर) के बजटीय पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) पर आयोजित एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक उन समीक्षा बैठकों की श्रृंखला का हिस्सा है, जो केंद्रीय बजट में महत्वपूर्ण पूंजीगत व्यय वाले मंत्रालयों/विभागों के साथ निर्धारित की गई हैं। रेल अधिकारियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री को चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय योजनाओं और प्रगति से अवगत कराया।नागरिकों के लिए ‘जीवन यापन की सुगमता’ प्रदान करने पर सरकार के विशेष ध्यान को रेखांकित करते हुए, श्रीमती सीतारमण ने रेल मंत्रालय के अधिकारियों से क्षमता वृद्धि, सुरक्षा और यात्री सुविधा पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया, जिसमें केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय के लिए किये गए प्रावधान के अनुरूप मौजूदा रेलवे पटरियों का दोहरीकरण और विद्युतीकरण तथा देश भर में नई रेलवे लाइनें बिछाना भी शामिल है।

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रेल परिवहन से संबंधित लॉजिस्टिक दक्षता और लॉजिस्टिक लागत में कमी लाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, 2024-25 के अंतरिम बजट में मल्टी-मॉडल परिवहन संपर्क सुविधा को सक्षम करने के लिए पीएम गति शक्ति के तहत चिन्हित तीन आर्थिक रेलवे कॉरिडोर कार्यक्रमों के लिए प्रावधान किया गया है, जिनमें शामिल हैं:

. ऊर्जा, खनिज और सीमेंट कॉरिडोर,

. बंदरगाह संपर्क कॉरिडोर, और

. उच्च यातायात घनत्व कॉरिडोर

रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने श्रीमती सीतारमण को बताया कि तीन आर्थिक गलियारों के अंतर्गत 434 रेलवे परियोजनाओं की पहचान की गई है, जिनकी कुल लंबाई 40,900 किलोमीटर है और इनकी कुल निवेश योजना 11.16 लाख करोड़ रुपये है:

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१. ऊर्जा, खनिज और सीमेंट कॉरिडोर (192 परियोजनाएं),

२. उच्च घनत्व नेटवर्क कॉरिडोर (200 परियोजनाएं), और

३. रेल सागर परियोजनाएं (42 परियोजनाएं)

रेल अधिकारियों ने यह भी बताया कि इन कॉरिडोर के अंतर्गत अब तक 55 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है, जिनकी कुल लंबाई 5,723 किलोमीटर है और इनकी निवेश योजना 1.03 लाख करोड़ रुपये है। चालू वर्ष के दौरान, कॉरिडोर कार्यक्रम के अंतर्गत 101 परियोजनाओं का मूल्यांकन किया जाना है।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि कवच प्रणाली (भारत की स्वदेशी स्वचालित रेल सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली) के कार्यान्वयन में चरणबद्ध तरीके से तेजी लाएं और निर्धारित समय सीमा में आवंटित पूंजीगत व्यय लक्ष्य को पूरा करें। रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने श्रीमती सीतारमण को बताया कि कवच से संबंधित कार्य वर्तमान में दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई खंडों पर 3000 आरकेएम (मार्ग किलोमीटर) से अधिक में प्रगति पर हैं।रेल अधिकारियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री को पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा डिवीजन द्वारा कोटा-सवाई माधोपुर खंड पर कवच संस्करण 4.0 के संचालन से अवगत कराया।

रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि 16 सितंबर 2024 तक कोटा से सवाई माधोपुर तक 108 किलोमीटर लंबे खंड को कवच संस्करण 4.0 के साथ 54 किलोमीटर प्रति माह की रिकॉर्ड गति से सफलतापूर्वक चालू किया गया था। इसे 16 जुलाई 2024 को आरडीएसओ द्वारा अंतिम रूप दिए जाने के बाद ट्रेन संख्या 05913 कोटा-जमुना ब्रिज पैसेंजर और ट्रेन संख्या 05914 आगरा-कोटा पैसेंजर के संचालन द्वारा चालू किया गया।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि रेल मंत्रालय को यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और आराम को बढ़ाने के लिए अंतरिम बजट 2024-25 में घोषित 40,000 सामान्य रेल बोगियों को वंदे भारत मानकों के अनुरूप परिवर्तित करने में तेजी लानी चाहिए।श्रीमती सीतारमण ने रेल मंत्रालय के अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय लक्ष्य को समयबद्ध तरीके से हासिल किया जाए और इस सरकार के पहले 100 दिनों की गति को बनाए रखा जाए।

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