बीसी सखियों ने किया कमाल, 72 करोड़ से अधिक कमा कर पेश की मिसाल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बीसी सखी (बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट) योजना ने न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बना दिया है, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस योजना के तहत अब तक 27 हजार करोड़ की धनराशि का ट्रांसजेक्शन हुआ है और बीसी सखियों ने 72 करोड़ रुपये से अधिक का कमीशन अर्जित किया है।
योगी सरकार की बीसी सखी योजना, जिसे कोरोना काल के दौरान मई 2020 में शुरू किया गया था, ने ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं को सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस योजना के तहत अब तक 37 हजार से अधिक बीसी सखियों ने 27 हजार करोड़ रुपये का ट्रांसजेक्शन किया है। बीसी सखियों ने 10.58 करोड़ बार बैंकिंग ट्रांसजेक्शन कर, 72.31 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में कमाए हैं।
बीसी सखी योजना से जुड़ी महिलाएं अपने परिवार और समाज में आत्मनिर्भरता का नया उदाहरण पेश कर रही हैं। सुल्तानपुर की बीसी सखी प्रियंका मौर्य ने 60 करोड़ रुपये से अधिक का ट्रांसजेक्शन कर 15 लाख रुपये से अधिक का कमीशन अर्जित किया है। प्रियंका मौर्य ने 1,32,393 ट्रांसजेक्शन कर 15,84,033 रुपये कमीशन अर्जित किया है, जिससे वह अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दूरदर्शी पहल ने ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं को सुलभ बनाया है और महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। बीसी सखी योजना के तहत अब तक 51 हजार बीसी सखी को प्रशिक्षित कर सर्टिफाइड किया गया है। इस योजना से जुड़ने वाली महिलाओं को बैंकिंग सेवाओं के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला है और उन्होंने ग्राम समाज की रीढ़ बनकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बीसी सखी योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए बैंकिंग सेवाओं को सुलभ बना दिया है। ग्रामीण लोग अब अपने पैसे जमा और निकालने के लिए बैंक के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं। इसके साथ ही उन्हें लोन के लिए भी भटकना नहीं पड़ता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह योजना न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
प्रदीप शुक्ल