न्यूज़ रिपोर्टर का नाम :- श्याम सुन्दर शर्मा
परबतसर
किनसरिया ग्राम पंचायत का बांसडा गांव जो अभी भी मूलभूत आवश्यकताओं को तरसता हुआ नजर आ रहा है।
इस गांव में जाने के लिए परबतसर से बिदीयाद रोड से जुड़ी संपर्क सड़क (भोपा की ढाणी से बांसडा) पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। और साथ ही पहाड़ी की घाटी पार कर जाना पड़ता है । जिसके चलते भारी वाहन तो इधर से निकलना ही मुश्किल है। यहां के निवासी पिछले लंबे समय से क्षतिग्रस्त सड़क से जूझ रहे हैं। परंतु विभाग ने ना तो इस मार्ग की कोई रिपेयर की है और ना ही पुनः डामरीकरण किया है , जिसके चलते ग्रामवासी भयंकर मुसीबतें झेल रहे हैं। पिछले 2 साल से भोपा की ढाणी से बांसडा की 3 किलोमीटर डामर सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है । घाटी के रास्ते के समीप तो बड़े बड़े गड्डे भी हो रखे हैं, अत्यंत क्षतिग्रस्त मार्ग की वजह से यहां कभी भी दुर्घटना हो सकती है। यहां पर घाटी की चढ़ाई होने की वजह से भारी वाहन या ट्रैक्टर के चलने पर भी भारी परेशानी होती है । बांसडा आज भी आजादी के बाद भी किसी प्रकार से चारो तरफ से डामरीकरण से नहीं जुड़ा हुआ है जो बांसड़ा से मोरेड 3 किलोमीटर है और रामपुरा 2 किलोमीटर है जो आज तक डामरीकरण से सीधा नहीं जुड़ पाया है। जनप्रतिनिधि चुनावो में आते है और मात्र आश्वाशन देकर चले जाते है ।
स्थानीय निवासी तारा चन्द बुगालिया ने बताया कि बांसडा गांव जो काफी सालो बाद भी सड़क के सीधा जुड़ाव से वंचित है पिछले महीने सार्वजनिक निर्माण विभाग से जुलाई का आश्वासन मिला लेकिन यह जुलाई भी निकल गया। घाटी की सड़क पूरी तरह टूट गई है। जिससे आमजन परेशान है । जहां एक तरफ परबतसर से बिदीयाद, मकराना मार्ग से बांसड़ा की सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो रखी है। वही दूसरी तरफ यह गांव सीधा हुलढानी मोरेड बिल्लू को जोड़ता है लेकिन आजादी के 75 साल बाद भी बांसडा गांव को इन गांवों से सड़क मार्ग से नही जोड़ा गया है। बल्कि यह सिर्फ किनसरिया को ही सड़क मार्ग से जोड़ता है । और किनसरिया की तरफ घाटी होने के कारण भारी भरकम वाहनो को आने में भारी परेशानी होती हैं। वही घाटी के रास्ते में सड़क के दोनों तरफ बड़े-बड़े गड्ढे हो जाने से यहां दुर्घटना का अंदेशा हर समय बना रहता है। वर्तमान में बांसड़ा करीब 1200 की आबादी वाला गांव है।